पंजाब में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी हथियारों के साथ गिरफ्तार, आतंकी बन चुका पूर्व कांस्टेबल शामिल है सरगना

आरोपियों ने प्रारंभिक जांच के दौरान किया खुलासा कि उन्हें पंजाब से इस हथियार की खेप को इश्फाक अहमद डार उर्फ बशीर अहमद खान ने इकट्ठा करने के लिए निर्देशित किया था, जो कि एक पूर्व कांस्टेबल है

Update: 2020-06-11 14:44 GMT

file photo 

चंडीगढ़, जनज्वार। पंजाब पुलिस ने गुरुवार 11 जून को जम्मू एवं कश्मीर आधारित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो गुर्गों की गिरफ्तारी के साथ कश्मीर घाटी में हथियारों की तस्करी के एक बड़े प्रयास को असफल करने का दावा किया है।

पंजाब पुलिस के मुताबिक संदिग्ध आतंकवादियों से दो मैगजीन और 60 जिंदा कारतूस के साथ एक एके-47 राइफल और दस हैंड ग्रेनेड भी जब्त किए गए हैं। इनकी पहचान 26 साल के आमिर हुसैन वानी और 27 वर्षीय वसीम हसन वानी के रूप में हुई।

पंजाब से घाटी तक ऑटोमेटिक हथियारों और हथगोले को पहुंचाने के काम में सक्रिय इन दोनों आतंकियों को पठानकोट पुलिस ने पकड़ने का दावा किया है। पुलिस का कहना है कि ये आतंकी अमृतसर-जम्मू राजमार्ग पर एक ट्रक से जा रहे थे, जिसे पुलिस ने रोक लिया।

पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कि ट्रक की तलाशी से हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी हुई और आरोपियों ने प्रारंभिक जांच के दौरान यह खुलासा किया कि उन्हें पंजाब से इस हथियार की खेप को इश्फाक अहमद डार उर्फ बशीर अहमद खान ने इकट्ठा करने के लिए निर्देशित किया था, जो कि एक पूर्व कांस्टेबल है।

वर्तमान में घाटी में लश्कर का एक सक्रिय आतंकवादी, डार 2017 में फरार हो गया था। गिरफ्त में आए आतंकियों ने आगे कहा कि उन्होंने आज 11 जून की सुबह अमृतसर की सब्जी मंडी के पास मकबूलपुरा-वल्लाह मार्ग पर पहले से ही निर्धारित किए गए स्थान पर दो अज्ञात व्यक्तियों से ये खेप एकत्र की थी।

इसके बाद उन्होंने ट्रक में हथियारों की इस खेप को छुपाया, जिसे वे अमृतसर मंडी से सब्जियां और फल लादने के उद्देश्य से लाए थे। आमिर हुसैन वानी ने खुलासा किया है कि ट्रक में पंजाब की अपनी पिछली यात्राओं में उन्होंने अपने हैंडलर्स - इश्फाक अहमद डार और रमीज राजा के कहने पर हवाला के 20 लाख रुपये से अधिक की रकम इकट्ठा की थी।

उन्होंने यह भी कहा कि अमृतसर की पिछली यात्राओं के दौरान, उन्होंने हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर के एक-एक आतंकियों को पंजाब से घाटी में प्रवेश कराया था।

हालांकि ये दोनों आतंकी अब मर चुके हैं। उनकी पहचान आमिर ने हिजबुल मुजाहिदीन के सद्दाम अहमद पद्दार और लश्कर के जसीम अहमद शाह के रूप में की है।

गुप्ता ने कहा कि यह गिरफ्तारी हालिया खुफिया सूचनाओं के बाद हुई है, जिसमें यह संकेत मिला था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से घुसपैठ करने के साथ ही हथियारों की खेप को कश्मीर घाटी में पहुंचाने की फिराक में है।

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