Ragging in Central School : केंद्रीय विद्यालय के छात्र के साथ की गयी रैगिंग, 'पेशाब' पीने के लिए किया गया मजबूर!

Ragging in Central School : इस आरोप को नकारते हुए केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल ने कहा है कि इस शिकायत के संबंध में विद्यालय की ओर से आंतरिक जांच की गई, लेकिन इन दावों की पुष्टि नहीं हो पायी है। बता दें कि इस मामले में 22 अप्रैल को वस्त्रपुर थाने में मामला दर्ज ​कराया गया था...

Update: 2022-04-27 08:16 GMT

Ragging in Central School : गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) के एक स्कूल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। देश के शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं पर अहमदाबाद के एक केंद्रीय विद्यालय (Central School) के नौवीं कक्षा के छात्रों के साथ रैगिंग (Ragging) का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।

हालांकि, केंद्रीय विद्यालय स्कूल के प्रिंसिपल (Principal) ने इन दावों को निराधार बताया है। पर पीड़ित छात्र की मां ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लगाते हुए कहा कि उनके बेटे और उसके साथियों के साथ रैगिंग की गई और उन्हें पेशाब तक पीने के लिए मजबूर किया गया।

प्रिसिपल बोले- आंतरिक जांच में नहीं हुई है मामले की पुष्टि

पर इस आरोप को नकारते हुए केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल ने कहा है कि इस शिकायत के संबंध में विद्यालय की ओर से आंतरिक जांच की गई, लेकिन इन दावों की पुष्टि नहीं हो पायी है। बता दें कि इस मामले में 22 अप्रैल को वस्त्रपुर थाने में मामला दर्ज ​कराया गया था। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने विद्यालय के 12वीं कक्षा के कुछ छात्रों पर रैंगिंग का आरोप लगाया था।

सीनियर छात्रों पर पेशाब पिलाने का लगाया था आरोप

शिकायत में महिला की ओर से आरोप लगाया था कि कक्षा 12वीं के कुछ छात्र बीते 20 अप्रैल को उसके बेटे और कुछ अन्य छात्रों को स्कूल के शौचालय में ले गए थे। जहां उन सभी के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें सीनियर छात्रों द्वारा पेशाब पिलाने की कोशिश की गई थी। इस बात का उन सभी पर बड़ा बुरा असर पड़ा है। इस मामले के संबंध में इंस्पेक्टर संदीप खंभाला ने कहा कि पुलिस प्रारंभिक जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

वहीं, केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल जेमी जेम्स ने कहा कि रैगिंग की शिकायत पर अब तक दो बार जांच की गई है, जिसमें कुछ भी सामने नहीं आया है। प्रिंसिपल ने कहा कि हमने घटना के तुरंत बाद गुरुवार को ही जांच शुरू कर दी थी।

देश में रैगिंग को लेकर है सख्त कानून, पर सामने आते रहते हैं मामले

ज्ञात हो कि, देश में रैगिंग पर सख्त कानून है लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं निकलकर सामने आती हैं। इनमें कई बार छात्रों पर गंभीर आरोप के कारण उन्हें संस्थानों से निष्काषित भी किया जा चुका है। यूनिवर्सिटी और कॉलेज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी भी बनाई जाती है।

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