Rahul Gandhi ने पीएम मोदी पर बोला हमला, कहा - निजता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हमारी बात पर लगाई मुहर
Rahul Gandhi on Pegasus : पेगासस जासूसी प्रकरण लोगों की निजता पर हमला है। पेगासस जासूसी कांड भारतीय लोकतंत्र को कुचलने का एक प्रयास है। यह एक बड़ा कदम है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले को देखेगी।
Rahul Gandhi on Pegasus : राइट टू प्राइवेसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) द्वारा एसआईटी ( SIT ) जांच कराने का फैसला आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वयनाड से सांसद राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने पीएम मोदी पर हमला बोला है। इस मुद्दे पर वह बुधवार को मीडिया से मुखातिब हुए और पेगासस जासूसी ( Pegasus Spy ) मामले में सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारे सिर्फ तीन सवाल हैं। ये प्रश्न हम पहले भी पूछ रहे थे और आगे भी केंद्र सरकार से पूछते रहेंगे।
पेगासस जांच का आदेश या तो पीएम या गृह मंत्री ने ही दिया होगा। सरकार ने पेगासस के जरिए देश की सेंट्रल एजेंसी पर अटैक किया। साथ ही उसकी छवि खराब करने की कोशिश की है।
राहुल गांधी के 3 सवाल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने कहा कि पिछले संसद सत्र के दौरान हमने पेगासस का मुद्दा उठाया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राय दी है। हम जो कह रहे थे, कोर्ट ने उसका समर्थन किया। हम 3 सवाल पूछ रहे थे।
पहला - पेगासस को जासूसी के लिए किसने अधिकृत किया?
दूसरा - इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ किया गया?
तीसरा - क्या किसी अन्य देश के पास हमारे लोगों की जानकारी तक पहुंच है?
अब सच आएगा बाहर
उन्होंने कहा कि पेगासस जासूसी प्रकरण लोगों की निजता पर हमला है। पेगासस जासूसी कांड ( Pegasus detective scandal ) भारतीय लोकतंत्र को कुचलने का एक प्रयास है। यह एक बड़ा कदम है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले को देखेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे सच बाहर आएगा।
इस मुद्दे को संसद में फिर उठाएंगे
राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने मीडिया को बताया कि हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मुद्दे पर विचार करना स्वीकार कर लिया है। हम इस मुद्दे को फिर से संसद में उठाएंगे। हम कोशिश करेंगे कि संसद में बहस हो। मुझे, यकीन है कि भारतीय जनता पार्टी इस पर बहस करना पसंद नहीं करेगी।
8 सप्ताह बाद होगी इस पर सुनवाई
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया था। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि इस तीन सदस्यीय समिति की अगुवाई शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन करेंगे। कोर्ट ने विशेषज्ञों के पैनल से जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा। साथ ही इस मामल में आगे की सुनवाई आठ सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध की है।