पहाड़ की रेल : सर्वे के झुनझुने पर नाचता उत्तराखंड, 25 सर्वे में से दो को ही स्वीकृति, रेल की आस में निराश होते पहाड़ की सच्चाई

खुलासा हुआ है कि वर्ष 2022 तक उत्तराखंड में नई रेलवे लाइनों के काशीपुर-धामपुर रेल लाइन सहित 25 से अधिक सर्वे हुये, लेकिन कार्य केवल दो रेल लाइन परियोजनाओओं पर ही स्वीकृत किया गया है....

Update: 2022-12-01 14:19 GMT

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Rail in Uttarakhand : उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए रेलवे का जाल बिछाए जाने की वक्त बेवक्त मांग होती रहती है। लोगों की इस मांग को ध्यान को रखते में राजनेताओं द्वारा सुगम आवागमन और माल ढुलाई के सस्ते विकल्प के लिए पहली पसंद रेलवे को समय समय पर हिमालय तक पहुंचाने का वायदा भी किया जाता है। इसके लिए चुनाव से पहले लोगों के सामने रेल लाइन सर्वे का एक चुग्गा फेंकने का भी रिवाज है, जिसके लिए कुछ पैसों की घोषणा करते हुए सर्वे के काम को शुरू करवाकर लोगों को खुश कर दिया जाता है।

एक बार के सर्वे की रिपोर्ट अनुकूल न होने के कारण लोगों के तुष्टिकरण के लिए एक ही लाइन का कई कई बार सर्वे का खेल भी चलते रहता रहता है। इसी के चलते उत्तराखंड में रेल लाइनों के हुये 25 से अधिक सर्वे हो चुके हैं। इतने सर्वे के बाद भी कार्य केवल दो रेल लाइन परियोजनाओं पर ही स्वीकृत हुआ है। शेष सर्वे रिपोर्ट फाइलों में धूल फांक रही हैं।

रेलवे विभाग द्वारा सूचना अधिकार के दौरान उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2022 तक उत्तराखंड में नई रेलवे लाइनों के काशीपुुर-धामपुुर रेल लाइन सहित 25 से अधिक सर्वे हुये, लेकिन कार्य केवल दो रेल लाइन परियोजनाओं पर ही स्वीकृत किया गया है। सर्वे में पूर्वोत्तर रेलवे की टनकपुर-बागेश्वर तथा खटीमा-किच्छा रेल लाइन तथा उत्तर रेलवे के अन्तर्गत 25 रेल लाइन के सर्वे शामिल हैं। जिन रेल परियोजनाओं पर कार्य स्वीकृत हुआ है, उनमें चारधाम रेल परियोजनाओं तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन शामिल है


दरअसल काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने रेल मंत्रालय से उत्तराखंड की नई रेल लाइनों के सम्बन्ध में सूचनायें मांगी थीं। इसके उत्तर में रेलवे बोर्ड तथा उत्तर रेलवे ने नदीम को वांछित सूचना उपलब्ध करायी। उत्तर रेलवे उपमुख्य अभियंता (सर्वे एवं निर्माण) ने अपने पत्रांक 135 से उत्तराखंड की रेल लाइनों के सर्वे की सूची उपलब्ध करायी है। उपलब्ध करायी उत्तर रेलवे के अन्तर्गत नई रेल लाइनों के उत्तराखंड की सूची में 25 रेल लाइनों के सर्वे शामिल है। इसमें विभिन्न रेल लाइनों के तो कई-कई बार सर्वे हुये हैं।


नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुुसार काशीपुर-धामपुुर की 58 किलोमीटर की रेल लाइन का सर्वे फरवरी 2020 में पूर्ण किया गया है। इस प्रोजेक्ट की लागत 1280.74 करोड़ रूपये है। इससे पूर्व 2013 में भी इसका सर्वे किया जा चुुका है। इसके अतिरिक्त इसी क्षेत्र में नगीना-अफजलगढ़-ठाकुरद्वारा-काशीपुर की 75 किमी लम्बी रेल लाइन के सर्वे की रिपोर्ट मार्च 2019 में रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत की गयी है। इससे पूर्व 1987 में धामपुर-अफजलगढ़-कालागढ़ तथा अफजलगढ़ अलीगंज की 80 किलोमीटर रेल लाइन का सर्वे किया गया है।

नदीम को रेल लाइन सर्वे की उपलब्ध सूची में सबसे पुराना सर्वे 1965 का है। जुलाई 1965 में देहरादून-डाक पत्थर-डालसी की 34 किमी की रेल लाइन के सर्वे की रिपोर्ट सौंपी गयी। इसके अतिरिक्त देहरादून जिले व पर्वतीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली रेल लाइनों के सर्वे में 6 किमी. हर्रावाला साइडिंग (सर्वे वर्ष 1982), 125 किमी की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग (सर्वे वर्ष 2009 तथा 2020), 19 किमी. ऋषिकेश-देहरादून (2000), ऋषिकेश-डोईवाला (2004, 2010, 2013 तथा 2016), 83 किमी. देहरादून-उत्तरकाशी (2017), 327 किमी. लम्बी चार धाम यात्रा रेल परियोजना (सर्वे रिपोर्ट वर्ष 2015), 28 किमी कर्णप्रयाग-चमोली (2004) शामिल है।

हरिद्वार व नैनीताल जिले को जोड़ने वाली रेल लाइनों के सर्वे में 147 किमी. हरिद्वार-कोटद्वार-रामनगर (2002 तथा 2011), 22 किमी. पिरान कलियर-हरिद्वार (2011), 91 किमी. पिरवानी-कलसी (2016) शामिल है।

उत्तराखंड में अन्य प्रदेशों से जोड़ने वाली रेल लाइनों में मुजफ्फरनगर-हरिद्वार-देवबंद-रूड़की तथा डन्ढैरा-ज्वालापुर की 51 किमी रेललाइन का सर्वे 2006 में नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच 24 किमी. की रेल लाइन का सर्वे 2015 में पंजाब-हिमाचल-हरियाणा-उत्तराखंड को जोड़ने वाली धनौल्टी-देहरादून के बीच 216 किमी रेल लाइन का सर्वे अक्टूबर 2011 में पूर्ण किया गया। देहरादून-सहारनपुर के बीच 81 किमी. की रेल लाइन का सर्वे नवम्बर 2017 में किया गया। इससे पूर्व इसका सर्वे 1997 में किया गया था।

इन सर्वे में रेल लाइनों के दोहरीकरण के भी विभिन्न सर्वे किये गये हैं। इसमें 2016 में लक्सर-हरिद्वार-देहरादून, 2019 में हरिद्वार-देहरादून, 2021 में हरिद्वार-रायवाला तथा 2022 में रायवाला-ऋषिकेश रेल लाइन सर्वे शामिल है। कुल मिलाकर उत्तराखंड में जनता की मांग और जरूरतों के बीच अभी तक यह 25 से अधिक सर्वे हो चुके हैं, लेकिन इनमें से केवल दो पर काम की स्वीकृति मिलने से राज्य में सर्वे के नाम पर होने वाले खेल पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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