Rajasthan News : CHC में 1 महीने के बच्चे को छोड़ भागी महिला, पुलिस ने CCTV फुटेज से लगाया मां का पता

Rajasthan News : राजस्थान के बांसवाड़ा के नरवाली सीएचसी (CHC) में रविवार 2 जनवरी को 1 महीने के बच्चे को उसकी मां लावारिस छोड़ कर भाग गई थी। करीब रात के 12:00 बजे बच्चे के रोने की आवाज आई तो वहां काम कर रहे कर्मचारियों की नजर उस बच्चे पर पड़ी...

Update: 2022-01-04 10:26 GMT

CHC में 1 महीने के बच्चे को छोड़ भागी महिला

Rajasthan News : राजस्थान के बांसवाड़ा के नरवाली सीएचसी (CHC) में रविवार 2 जनवरी को 1 महीने के बच्चे को उसकी मां लावारिस छोड़ कर भाग गई थी। जिसके बाद करीब रात के 12:00 बजे बच्चे के रोने की आवाज आई तो वहां काम कर रहे कर्मचारियों की नजर उस बच्चे पर पड़ी। उस बच्चे को अकेले देख नर्सिंग स्टाफ ने उसकी मां की तलाश की और वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की तो किसी ने भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। जिसके बाद नर्स ने चिकित्सा प्रभारी डॉ आशीष उकावत को इस बात की जानकारी दी। जब मां के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो सीएचसी प्रभारी डॉ आशीष उकावत ने इसकी सूचना चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति, जिला प्रशासन और खमेरा थाना पुलिस को दे दी।

बच्चे को अस्पताल में कराया गया भर्ती

चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक परमेश पाटीदार के अनुसार घाटोल ब्लॉक के नरवाली सीएचसी में लावारिस बच्चे की सूचना मिलने पर 108 एंबुलेंस से उसे बांसवाड़ा भिजवाया गया। जहां पर चाइल्ड लाइन टीम के सदस्य कमलेश कुमार बुनकर ने इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति अध्यक्ष दिलीप रोकड़िया को दे दी। वहां से मिले निर्देश पर बच्चे को महात्मा गांधी जिला अस्पताल के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में भर्ती करवाया गया। बताया गया कि यहां स्टाफ के तौर पर नर्स स्मिता और आया उषा ने बच्चे की देखरेख की। मदर मिल्क बैंक से उसके लिए 10 बोतल दूध मंगाया गया। अस्पताल स्टाफ के अनुसार बच्चे को दूध पीने में कोई तकलीफ नहीं है और वह स्वस्थ है।

सीसीटीवी फुटेज से लगा मां का पता

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घटना के बाद खमेरा पुलिस हरकत में आ गई। इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची| जिसके बाद डॉक्टर आशीष और चौकी प्रभारी जगदीश मीना ने सीसीटीवी फुटेज को तलाशा। इन सीसीटीवी फुटेज में रविवार रात करीब 11:19 बजे एक महिला बच्चे को लेकर अस्पताल में दाखिल होते हुए दिखाई दी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाया और पाया कि यह बच्चा बोरपीखाटा गांव की रहने वाली महिला का है। जिसके बाद पुलिस की जांच में परिजनों ने बताया कि महिला की दिमागी हालत खराब है। साथ ही परिजनों ने यह भी बताया कि वह महिला बच्चे को भूल कर आ गई थी। जिसके बाद महिला को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।

रात तक हुए मामले की सुनवाई

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में कल्याण समिति अध्यक्ष दिलीप रोकड़िया, सदस्य पुष्पेंद्र पांड्या, राजेश ओसाम, नेहा मेहता, काउंसलर तबस्सुम अली भी अस्पताल पहुंचे। जिसके बाद देर शाम पुलिस बच्चे की मां को लेकर हाजिर हुई तो वहां सुनवाई का दौर जारी रहा। सुनवाई के दौरान समिति के सामने महिला के मनोरोगी होने जैसे कोई प्रमाण नहीं मिले। इसके बाद समिति अध्यक्ष ने सभी दस्तावेजों की पूर्ति के बाद बच्चे को मां को सौंपने की बात कही। साथ ही अध्यक्ष ने इस बारे में समिति स्तर पर निर्णय लेने की भी बात कही है।

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