ज़ी न्यूज़ के मालिक सुभाष चंद्रा ने चीनी अधिकारी को अपना बंगला दिया किराये पर

सुभाष चंद्रा ने ऐसे वक्त में चीनी कंसुलेट को अपना बंगला किराये पर दिया जब गलवान घाटी झड़प में 20 वीर सैनिकों के शहीद होने के बाद देश में गुस्सा था...

Update: 2020-07-30 07:09 GMT

जनज्वार। हरियाणा से राज्यसभा सदस्य व जी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा ने मुंबई का अपना बंगला चीन के कंसुलेट जनरल को किराये पर दिया है। इस संबंध में इस साल के एक जुलाई को सुभाष चंद्रा और चीन के कांसुलेट जनरल हुआंग जिआंग के बीच करार हुआ है। मुंबई के रजिस्ट्री ऑफिस में इस संबंध में समझौते पर दोनों पक्षों की ओर से हस्ताक्षर किया गया है।

प्रोपर्टी के संबंध में खबर देने वाली वेबसाइट स्क्वाॅयर फीट इंडिया डाॅट काॅम की खबर के अनुसार, इस बंगले को दो साल के लिए किराये पर दिया गया है और यह डील एक जुलाई 2020 से 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेगी। वेबसाइट के संवाददाता ने खबर में इस बात का उल्लेख किया है कि उसने इस डील पर बयान लेने के लिए सुभाष चंद्रा व चीनी कंसुलेट जनरल दोनों को इमेल व अन्य माध्यमों से संपर्क किया, लेकिन दोनों पक्ष से कोई जवाब नहीं आया।

सुभाष चंद्रा का यह बंगला जाॅली मेकर 1 में स्थित है, जो मुंबई की एक बेहद जानी-पहचानी जगह है। मुंबई के रजिस्ट्री कार्यालय में यह सौदा एक जुलाई 2020 की तारीख को रजिस्टर है, जिसकी कागजी कार्रवाई 29 जून को पूरी कर ली गई थी। सुभाष चंद्रा ने इस संबंध में डील के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 जून को ही पाॅवर ऑफ अटर्नी दे दी थी। उन्होंने भाऊ पाटिल एरोट नाम के शख्स को पाॅवर ऑफ अटर्नी ट्रांसफर की थी।

खबर के अनुसार, सुभाष चंद्रा के इस बंगले का किराया 4.90 लाख रुपये प्रति महीना तय किया गया है। इस बंगले का काॅरपेट एरिया 2590 वर्ग फीट है और दो साइड पार्किंग की सुविधा के साथ यह एक भव्य आवास है। इस करार के लिए लाॅक इन पीरियड नौ महीने का रखा गया है और इसे रद्द करने के लिए दोनों पक्षों की ओर से तीन महीने का नोटिस पीरियड भी तय किया गया है।

चीनी कंसुलेट ने सुभाष चंद्रा को 58.80 लाख रुपये का चेक के माध्यम से इसके लिए भुगतान किया है। इसमें नौ महीने का एडवांस किराया और 14.70 लाख रुपये का रिफंडेबल डिपाॅजिट भी शामिल है।

बंगले के भूतल पर लिविंग रूम, किचन है जबकि पहले माले पर तीन बेडरूम व बच्चे के लिए एक बेडरूम है। दूसरे माले पर एक बेडरूम है। इसका उपयोग चीनी कंसुलेट के अधिकारियों, कर्मचारियों और अतिथियों के लिए किया जा सकेगा। उनके परिवार के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा और यह सिर्फ आवासीय प्रयोग के लिए है।

इस समझौते में कूटनीटिक क्लाउज जोड़ा गया है कि अगर चीन या भारत की सरकार के किसी निर्णय के द्वारा यहां चीन का वाणिज्य दूतावास बंद होता है तो यह करार किसी भी समय स्वतः समाप्त हो जाएगा। इसमें लाॅक इन पीरियड भी शामिल होगा।

वरिष्ठ पत्रकार विश्वदीपक कहते हैं, 'ठीक तब जबकि सीमा की सुरक्षा करते हुए भारतीय सैनिक लद्दाख में अपनी कुर्बानी दे रहे थे, ज़ी न्यूज उन्हीं सैनिकों की शहादत को अश्लील पैकेजिंग के साथ टीआरपी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहा था। संपादक सुधीर चौधरी ड्रैगन की चाल का विश्वेषण करते हुए देशभक्ति पर प्राइम टाइम प्रवचन दे रहे थे।'

सुभाष चंद्रा देश के मशहूर उद्योगपति भी हैं और यह करार ऐसे समय में किया गया जब कई प्रमुख उद्योगपतियों ने 15 जून के गलवान घाटी अटैक के बाद चीन के साथ वाणिज्यिक व अन्य प्रकार के लेन-देन का विरोध किया एवं भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास तेज करने की अपील की।

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