Ranchi News: कुर्मी-कुड़मी द्वारा एसटी में शामिल होने के खिलाफ आदिवासी संगठन हो रहे एकजुट
Ranchi News, Ranchi Samachar: आदिवासी अधिकार रक्षा मंच (AARM) के तत्वावधान में 7 अक्टूबर को विभिन्न आदिवासी संगठनों, बुद्धिजीवियों और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक यह बैठक सरना भवन नागड़ाटोली रांची में हुई।
Ranchi News, Ranchi Samachar: आदिवासी अधिकार रक्षा मंच (AARM) के तत्वावधान में 7 अक्टूबर को विभिन्न आदिवासी संगठनों, बुद्धिजीवियों और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक यह बैठक सरना भवन नागड़ाटोली रांची में हुई। इस बैठक में कुर्मी-कुड़मी जाति के लोगों द्वारा आदिवासी (ST) बनने के लिए की जा रही मांग व आंदोलन के खिलाफ लोकतांत्रिक ढंग से और कानूनी तौर तरीका अपनाकर पुरज़ोर विरोध करने पर गंभीरता पूर्वक विचार किया गया। इस बैठक में स्पष्ट कहा गया कि आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकार को कुर्मी/कुड़मी समुदाय के द्वारा लूटने की हर साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।
इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए आदिवासी अधिकार रक्षा मंच के नेता लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा ने कहा कि भाजपा और उनकी केंद्र सरकार इस मामले में इस प्रकरण पर राजनीतिक खेल करना बन्द करे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कुर्मी/कुड़मी समुदाय के आंदोलन को मदद कर रही है ताकि कुर्मी / कुड़मी वोट बैंक पर भाजपा की पकड़ मजबूत हो। श्री मुंडा ने कहा कि इसी कुर्मी-कुड़मी वोट बैंक का खेल और लोभ में झामुमो, टीएमसी, बीजद भी शामिल हैं। इतने बड़े आदिवासी समुदाय के हितों को नजरंदाज करते हुए ये राजनीतिक पार्टियां महज़ राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए लालायित हैं। श्री मुंडा ने कहा कि सभी आदिवासी जन समुदाय को आज कुर्मी/कुड़मी आंदोलन को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले राजनीतिक दलों को पहचान करनी है।
इस बैठक में हुए निर्णय पर संगठन को संचालित करने और बैठक करने के लिए एक तदर्थ कमिटी का गठन किया गया। जिसमें समन्वयक - लक्ष्मी नारायण मुंडा, सह समन्वयक - अजीत उरांव, महिला प्रभारी - निरंजना हेरेंज टोप्पो, प्रेस-मीडीया प्रभारी - अभय भुटकुंवर और छात्र-युवा प्रभारी - डब्लू मुंडा को बनाया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि संगठन के संचालन के लिए सभी आदिवासी संगठन/सरना समिति/आदिवासी एक्टिविस्टों का सहयोग व समर्थन लिया जाएगा। वहीं राज्य में विभिन्न जिलों/प्रखंडों में कार्यरत सभी आदिवासी सामाजिक संगठनों से संपर्क साधा जाएगा और इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की जाएगी।
इसके अतिरिक्त एक सलाहकार मंडली बनाने का निर्णय लिया गया। इस सलाहकार मंडली में रिटायर्ड अधिकारीगण, अधिवक्ता, विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाएगा। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि 30 अक्टूबर 2022 को "आदिवासी समुदाय के ऊपर चौतरफा हमले के बीच आदिवासी संगठनों और आदिवासी राजनेताओं की भूमिका" विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।
इस बैठक में मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण मुंडा, अभय भुटकुंवर, निरंजना हेरेंज टोप्पो, अजीत उरांव, चन्दन पाहन, डब्लू मुंडा, झरिया उरांव,सिमोन मिंज, मोती कच्छप,शिवरतन मुंडा आदि मुख्य रूप से शामिल थे। इस बैठक की अध्यक्षता मोती कच्छप और संचालन अभय भुटकुंवर ने किया।