किसान आंदोलन स्थल पर बंगाल की युवती का रेप मामला: अनूप चणौत के वीडियो को आधार बना किसान नेताओं को घेरने की तैयारी में
रेप कांड के सामने आने के बाद अब किसान आंदोलन पर भी सवाल उठना शुरू हो गए हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार साजिश के तहत किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है....
जनज्वार, चंडीगढ़। पश्चिम बंगाल की युवती के रेप कांड को आधार बना कर कृषि कानूनों के विरोध मे आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को घेरने की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। इसके लिए 30 किसान नेताओं को पहले चरण में पुलिस शिकंजा कसने की रणनीति बना रही है। इसके लिए अनूप चणौत ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, उसे आधार बनाया जा रहा है।
पुलिस ने न सिर्फ रेप, बल्कि रेप की घटना को छुपाने, सबूत मिटाने और आरोपियों को संरक्षण देने जैसी धाराओं में किसी भी वक्त मामला दर्ज कर सकती है। हालांकि पुलिस की ओर किसान नेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि कम से कम 30 किसान नेताओं के खिलाफ पहली नजर में मामला बन रहा है।
पुलिस का तर्क है कि ,क्योंकि पता होने के बाद उन्होंने इतनी बड़ी घटना को छुपाया। पीड़िता का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इससे यह लग रहा है कि मामले को दबाने और छुपाने की पूरी कोशिश की गयी।
अब पुलिस ने जांच के लिए 20 चरण बनाए हैं। पहले चरण में मामले से जुड़े हर किसान नेता की पहचान कर उससे पूछताछ होगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि रेप मामले में उसकी क्या भूमिका है। उसके खिलाफ क्या मामला बनता है। पुलिस ने पूछताछ के लिए सवालों की लिस्ट तैयार की है। इसमें 35 से ज्यादा सवालों को शामिल किया गया है। इसके अलावा मौके पर कुछ और सवाल भी किए जा सकते हैं।
पुलिस इसी को आधार बना कर पूछताछ कर रही है। योगेंद्र यादव से इस मामले में पहली बार पूछताछ की गई है। पुलिस प्रवक्ता ने दावा किया कि यादव ने ज्यादा सहयोग नहीं किया। उन्हें दोबारा से फिर पुलिस स्टेशन बुलाया जा सकता है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे वैसे किसान नेताओं को नोटिस जारी कर बुलाया जाएगा। बहादुरगढ़ डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि पुलिस मामले मे हर एंगल से जांच कर रही है। जांच में अभी तक आरोपी सहयोग नहीं कर रहे हैं। दोनो मुख्य आरोपी किसान सोशल आर्मी से जुड़े अनिल मलिक और अनूप चणौत अभी फरार है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है।
अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी स्वराज इंडिया पार्टी के नेता याेगेंद्र यादव और किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राह का नोटिस दिया है। नोटिस में कहा गया कि, रेप की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस को इसकी जानकारी देने में देर क्यों की गई? उग्राह से जानकारी मांगी गई कि आंदोलन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या क्या इंतजाम किए गए हैं।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक घटना है। इसका जितनी निंदा की जाए कम है, उन्होंने कहा कि पुलिस को निर्देश दिए गए कि मामले की जांच में तेज की जाए। एक भी दोषी बचना नहीं चाहिए। आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलवाने के लिए पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है।
रेप कांड के सामने आने के बाद अब किसान आंदोलन पर भी सवाल उठना शुरू हो गए हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार साजिश के तहत किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। यह कोशिश काफी लंबे समय से चल रही थी। इस घटना को आधार बना कर आंदोलन को खत्म करने की कोशिश हो रही है। लेकिन किसान इसे कामयाब नहीं होने देंगे।
सरकार के रणनीतिकार मान कर चल रहे हैं कि यदि किसान नेता इस मामले में फंस जाते हैं तो उन्हें आम जनता का समर्थन नहीं मिलेगा। इस तरह से किसान आंदोलन भी खत्म किया जा सकता है। किसान आंदोलन प्रदेश व केंद्र सरकार के लिए बड़ी परेशानी बन गया है। काफी प्रयास के बाद भी इस परेशानी का हल सरकार निकाल नहीं पा रही थी। अब रेप कांड की आड़ में आंदोलन को निपटाने की रणनीति पर भी काम चल रहा है।
हालांकि घरनास्थल पर किसान जुटना शुरू हो गए हैं। लेकिन अब पुलिस की कार्यवाही का विरोध करना उनके लिए मुश्किल हो सकता है।