RBI Repo Rate : हर 1 लाख रुपए के लोन की ईएमआई 55 रुपए तक बढ़ जाएगी, आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने का आम लोगों पर पड़ेगा ये असर

RBI Repo Rate : रेपो रेट वो दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को RBI अपने पास पैसा रखने पर ब्याज देती है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी ज्यादातर समय पर ब्याज दरों में कटौती करते हैं। यानी ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें कम होती हैं, साथ ही EMI भी घटती है...

Update: 2022-06-08 08:51 GMT

RBI Repo Rate Hike : हर 1 लाख रुपए के लोन की ईएमआई 55 रुपए तक बढ़ जाएगी, आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने का लोन पर पड़ेगा ये असर

RBI Repo Rate : मई के बाद एक बार फिर जून में हमारे लोन की ईएमआई (EMI) बढ़ने (RBI Repo Rate Hike) जा रही है। आरबीआई (RBI) ने बुधवार 8 जून को ब्याज दर को आधा फीसदी और बढ़ा दिया है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने इसका एलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि रेपो रेट को 4.40 फीसदी से बढ़ाकर 4.90 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई मई महीने के बाद जून में ही एक बार फिर बढ़ने जा रही है। पिछले महीने 4 मई को आरबीआई रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया था। इसके बाद बैंकों ने तुरंत लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का ऐलान कर दिया था।

लगातार दूसरे महीने वृद्धि के बाद रेपो रेट बढ़कर (RBI Repo Rate Hike) 4.90 फीसदी हो गया है। 4 मई से पहले यह 4 फीसदी था। यह दो साल से ज्यादा वक्त से इस लेवल पर बना हुआ था। इसके चलते बैंक बहुत कम इंटरेस्ट रेट पर लोन दे रहे थे। होम लोग का इंटरेस्ट रेट कई साल के निचले स्तर पर अगा गया था। कार लोन का इंटरेस्ट रेट भी बहुत कम था। लेकिन, अब सस्ते लोन का दौर खत्म होता दिख रहा है।

आरबीआई के बुधवार को रेपो रेट बढ़ा देने से घर खरीदने का प्लान बना रहे लोगों की मुश्किल बढ़ जाएगी। अब उन्हें बैंक से ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलेगा। इससे उनकी ईएमआई ज्यादा होगी। करीब दो साल तक कोरोना की महामारी की वजह से घरों की बिक्री सुस्त थी। धीरे-धीरे इस बिक्री ने रफ्तार पकड़ी थी। लेकिन, लोन महंगा हो जाने से ​एक बार फिर बिक्री पर असर पड़ने का खतरा मंडरा रहा है।

रेपो रेट में 4.9 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाने से उन लोगों की ईएमआई भी बढ़ (RBI Repo Rate Hike) जाएगी, जिन्होंने पहले से बैको से होम लोन लिया है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर बैंक फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर होम लोन देते हैं। फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का मतलब है कि जब रेपो रेट बढ़ेगा तो आपकी ईएमआई घटेगी। इसी तरह जब रेपो रेट में कमी आएगी तो आपकी ईएमआई घटेगी।

पिछले कुछ समय से ज्यादातर बैंक ग्राहकों को फ्लोटिंग रेट पर लोन देने पर जोर दे रहे हैं। इससे उन्हें अपना मार्जिन बनाए रखने में मदद मिलती है। हालांकि, ब्याज दर काम होने की स्थिति में ग्राहक के लिए फिक्स्ड रेट पर होम लोन या दूसरे लोन लेना ज्यादा फायदामंद होता है।

अगर हम मई और जून में हुई बढ़ोतरी को मिला दें तो रेपो रेट (RBI Repo Rate Hike) में 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। अब बैंक और होम लोन देने वाली कंपनियां लोन पर ब्याज बढ़ाएगीं इससे आपकी ईएमआई भी इसी के अनुपात में बढ़ने वाली है। इसका मतलब है कि अगर आपने घर खरीदने के लिए 30 लाख रुपए का लोन लिया है तो लोन की बकाया रकम पर आपका ब्याज दर बढ़कर करीब 7 फीसदी हो जाएगा। इससे आपके लोन की ईएमआई 1648 रुपए बढ़कर 24907 रुपए हो जाएगी। पहले यह 23259 रुपए के करीब थी। ऐसे में आप यह कह सकते हैं कि प्रति एक लाख रुपए को होम पर ईएमआई 55 रुपए बढ़ जाएगी।

क्या है रेपो रेट और लोन की EMI का कनेक्शन?

रेपो रेट वो दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को RBI अपने पास पैसा रखने पर ब्याज देती है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी ज्यादातर समय पर ब्याज दरों में कटौती करते हैं। यानी ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें कम होती हैं, साथ ही EMI भी घटती है। यह ग्राहकों के लिए फायदे की बात होती है। इसी तरह जब रेपो रेट में बढ़ोतरी (RBI Repo Rate Hike) होती है, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण ग्राहक के लिए कर्ज और अधिक महंगा हो जाता है।

10 लाख रुपए के घर के ​लोन पर क्या असर पड़ेगा?

मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 6.5% के रेट पर 20 साल के लिए 10 लाख रुपए का हाउस लोन लिया। उसकी लोन की हर महीने की EMI 7,456 रुपए है। 20 साल में उसे इस दर से तकरीबन 7,89,376 रुपए का ब्याज देना होगा। इसका मतलब यह है कि उसे 10 लाख के बदले 20 सालों में कुल 17,89,376 रुपए चुकाने होंगे।

मान लीजिए अगर एक महीने बाद RBI रेपो रेट में 0.50% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.50% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब उसी व्यक्ति का एक साथी उसी बैंक में लोन लेने के लिए पहुंचता है तो बैंक उसे 6.5% की जगह 7% का ब्याज दर लोन के लिए आॅफर करता है।

उस व्यक्ति का साथी भी 10 लाख रुपए का ही लोन 20 सालों के लिए लेता है, लेकिन उसकी EMI 7753 रुपए की बनती है। यानी पहले व्यक्ति की EMI से 297 रुपए ज्यादा। इस वजह से सुदर्शन के दोस्त को 20 सालों में कुल 18,60,717 रुपए चुकाने होंगे। ये पहले व्यक्ति की रकम से 71 हजार ज्यादा है।

आपको बता दें कि ब्लूमबर्ग के सर्वे Bloomberg's Survey) में शामिल 41 में से 17 अर्थशास्त्रियों ने रेपो रेट 0.50% बढ़ाकर (RBI Repo Rate Hike) 4.9% करने का अनुमान जताया था। कुछ अर्थशास्त्री मानते हैं कि RBI रेपो रेट को धीरे-धीरे प्री-कोविड लेवल 5.15% से ऊपर ले जाएगा। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है, लेकिन बीते दिनों RBI ने 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 4% से बढ़ाकर 4.40% कर दिया था।

Tags:    

Similar News