झांसी पहुंचे योगी को ज्ञापन देने को लेकर हिरासत में लिए गए रेजिडेंट डॉक्टर, जानिए क्या हैं उनकी 3 सूत्रीय मांगें

रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरदीप ने आरोप लगाया कि वे मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से जुड़ी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आये थे लेकिन पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और मिलने सीएम से मिलने नहीं दिया...

Update: 2021-05-23 13:13 GMT

जनज्वार/झाँसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल इटावा, कानपुर के दौरे के बाद योगी आज सुबह झांसी पहुंचे थे। झांसी में योगी को ज्ञापन देने पहुँचे मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरदीप सहित कई जूनियर डॉक्टरों को पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया है।

दरअसल मेडिकल कॉलेज सभागार में मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान जूनियर डॉक्टर कुछ समस्याएं लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। वहीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी अपनी कई समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के बैठक स्थल के बाहर ज्ञापन लेकर पहुंचे थे। यहां सुरक्षा कारणों से चार रेजिडेंट डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए डॉक्टरों में दो पुरुष और महिला रेजिडेंट डॉक्टर शामिल हैं।

रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरदीप ने आरोप लगाया कि वे मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से जुड़ी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आये थे लेकिन पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और मिलने सीएम से मिलने नहीं दिया। पुलिस अफसरों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से रेजिंडेन्ट डॉक्टरों को मौके से हटा दिया गया।


सीएम इटावा और कानपुर के बाद आज रविवार 23 मई की सुबह बुंदेलखण्ड में कोरोना मरीजों के इलाज और तीसरी लहर की तैयारी का जायजा लेने झांसी पहुंचे थे। जहां रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर योगी के नाम ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में ये हैं मांग-

1. डॉक्टरों की मांग है कि झांसी मेडिकल कॉलेज में पठन-पाठन को आये नए छात्रों के लिए 24 घण्टे खुल सकने वाली लाइब्रेरी की सुविधा सहित छात्रों के लिए कैंपस के अंदर ही हॉस्टल की व्यवस्था की जाए। साथ ही मांग है कि छात्रों का स्ट्रेस कम करने के लिए यहां खेल-कूद व जिम की सुविधा दी जाए।

2. डॉक्टरों की दूसरी मांग के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां दी जाएं, उनका कहना है कि जब कोई मिनिस्टर अथवा अन्य कोई आता है तब ही दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं।

3. तीसरी मांग के मुताबिक नर्सिंग स्टॉफ, वार्ड बॉय व अन्य कर्मचारियों से अधिकारी उचित व्यवहार करें। जिससे कि इस महामारी से लड़ने में इनका मनोबल ऊंचा हो सके।

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