Manoj Jha attacks Nitish Government : "बिहार में गर्वनेंस नाम की कोई चीज नहीं, यहां बिना रिंगमास्टर के सर्कस चल रहा है"

Manoj Jha attacks Nitish Government : बिहार के मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए राजद नेता ने कहा है कि बिहार में जो हालात हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि वहां कोई सरकार नहीं है। तेजस्वी यादव ने सही ही कहा है कि बिहार में सर्कस चल रह है। उससे भी बुरी बात यह है कि इस सर्कस का कोई रिंगमास्टर भी नहीं है। सर्कस के शेर इधर-उधर कूद रहे हैं। एक जोकर सर्कस के बीच में कूद रहा है।

Update: 2022-03-21 06:53 GMT

Manoj Jha attacks Nitish Government : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय प्रवक्ता (National Spokesperson) और बिहार (Bihar) से राज्यसभा सांसद (Member of Parliament) मनोज कुमार झा (Manoj Kumar Jha) ने कहा है कि बिहार में फिलहाल ​गर्वनेंस नाम की कोई चीज नहीं है। वहां बिना रिंगमास्टर के सर्कस चल रहा है। राजद नेता ने 20 मार्च (रविवार) को समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) से बातचीत में बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जमकर हमला बोला। आपको यह बता दें कि मनोज कुमार झा का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ​बिहार के बेगूसराय में हुई हिंसा की घटना के बाद केन्द्रीय मंत्री गिरीराज ने भी बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए राजद नेता ने कहा है कि बिहार में जो हालात हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि वहां कोई सरकार नहीं है। तेजस्वी यादव ने सही ही कहा है कि बिहार में सर्कस चल रह है। उससे भी बुरी बात यह है कि इस सर्कस का कोई रिंगमास्टर भी नहीं है। सर्कस के शेर इधर-उधर कूद रहे हैं। एक जोकर सर्कस के बीच में कूद रहा है।

राजद प्रवक्ता (RJD Spokesperson) ने कहा कि बिहार में चल रहे इस सर्कस के बीच यहां की भोली-भाली जनता पिस रही है। बिहार की जनता का वहां की सरकार पर से विश्वास उठ गया है। यहां के प्रशासनिक अफसरों पर भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। बिहार में रोज आम लोगों की हत्याएं हो रही हैं। यहां रोजगार का ग्राफ रोज बढ़ता ही जा रहा है। गौरतलब है कि बिहार में बीते साल चुनावों के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि इस बार नीतीश कुमार इतने मजबूत नहीं दिख रहे हैं जितने पहले की सरकारों में हुआ करते थे। इसका मुख्य कारण यह था कि बीते विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड की सीटें उनकी राजनीतिक सहयोगी भाजपा के मुकाबले काफी कम हो गयीं हैं।

ऐसे में इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का समर्थन मिलने के कारण ही कम सीटें होने पर भी मुख्यमंत्री बन पाए हैं। हालांकि खुद नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर खुद के सरकार पर अनियंत्रण की बात नहीं स्वीकार की है। पर सच्चाई तो यही है कि इस बार ​नीतीश के सत्ता में आने के बाद से बिहार की कानून व्यवस्था कमजोर जरूर हुई है। बीते एक-डेढ़ सालों में बिहार में ऐसा कोई दिन नहीं बीता है कि किसी ना किसी जिले में हत्या या बड़े अपराध के वारदात नहीं हुए हों। सरकार की ओर से तमाम दावों के बावजूद यहां यहां की कानून व्यवस्था लचर ही दिखी है।

बीते दिनों हमने यह भी देखा है कि कई मामलों में सरकार को यूटर्न लेना पड़ा है। लखीसराय प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से विधानसभा में तकरार के अनुसार डीएसपी पर सरकार की ओर कार्रवाई करना इसका ताजा उदाहरण हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के विरोधी यह कहने लगे हैं कि अब नीतीश पहले की तरह मजबूत ढंग से सरकार नहीं चला पा रहे हैं। भाजपा उनके हर कदम पर रोड़े अटकाने की कोशिश में लगी रहती है। हालांकि सत्ता के नेता इस बात से इनकार करते हुए कहते हैं कि उनका कहना है कि सरकार में ​कोई दिक्कत नहीं है।

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