आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बार-बार क्यों कह रहे हैं, सभी भारतीयों का DNA और पूर्वज एक

RSS Chief Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में किसी की जात-पात नहीं पूछी जाती। कोई किसी भी धर्म, संस्कृति, भाषा और खान-पान या विचारधारा से क्यों न हो वो सभी हिंदू हैं।

Update: 2022-11-16 02:29 GMT

RSS Chief Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में किसी की जात—पात नहीं पूछी जाती।

RSS Chief Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) के प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) जब भी कुछ बोलते हैं तो उसकी चर्चा जरूरत होती है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में 15 नवंबर को स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने एक बार फिर कहा कि देश में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक 'हिंदू' (Hindu) है और सभी भारतीयों (Indians) का डीएनए (DNA) एक समान है।

मोहन भागवत ( RSS Chief Mohan Bhagwat ) ने कहा कि किसी भी पंथ में विश्वास रखने वाले लोगों को अनुष्ठान करने के अपने तरीकों को बदलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने भारत की ये सदियो पुरानी विशेषता है। हिंदुत्व ( Hindutva ) पूरी दुनिया का एकमात्र विचार है जो सभी को एकसाथ लेकर चलने में विश्वास करता है।

मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) ने कहा कि 1925 में जब आरएसएस की स्थापना हुई थी तब से मैं इस बात को जोर देकर कह रहा हूं कि भारत में रहने वाला हर कोई हिंदू है। जो लोग भारत को अपनी 'मातृभूमि' मानते हैं और इन विविधताओं के बावजूद एकता की संस्कृति में भरोसा रखते हुए साथ में रहना चाहते हैं वो हिंदू हैं। चाहे कोई किसी भी धर्म, संस्कृति, भाषा और खान-पान या विचारधारा से क्यों न हो वो सभी हिंदू हैं।

संघ को जानने के लिए आरएसएस से जुड़ना जरूरी

आरएसएस प्रमुख (Mohan Bhagwat) ने कहा कि देश में पहले की तुलना में अब स्वयं सेवकों की संख्या बढ़ी है। पूरे देश तेजी से संघ का विस्तार हो रहा है। संघ के बारे में जानने के लिए किसी से संघ की तुलना नहीं कर सकते। अगर हम संघ के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो हमें इससे जुड़ना होगा। जह हम संघ में शामिल हो जाएंगे तब हमें संघ की महानता की समझ में आएगी। संघ की शाखा में किसी की जात-पात नहीं पूछी जाती है।

हर भारतीय अखंड भारत का हिस्सा है

RSS Chief Mohan Bhagwat : संघ का काम व्यक्तिगत और देश के नागरिकों के बीच राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना। लोगों में एकता की भावना को विकसित करना है। उन्होंने सभी के विश्वास का सम्मान करने पर जोर दिया और कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए ( Indian DNA ) एक समान है। उनके पूर्वज एक ही थे। उन्होंने आगे कहा कि हर भारतीय जो 40,000 साल पुराने 'अखंड भारत' का हिस्सा है, उसका डीएनए एक है।

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