आमिर खान के खिलाफ आरएसएस उतरा मैदान में, अपने मुखपत्र में लिखा 'ड्रैगन का प्यारा खान'
हाल ही में इस्तांबुल में तुर्की की फस्र्ट लेडी एमीन एर्दोगन के साथ आमिर खान की मुलाकात के बाद काफी लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है,खान अपनी आगामी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए तुर्की में हैं....
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र 'पांचजन्य' ने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो का ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने और हाल ही में तुर्की यात्रा को लेकर उनकी खूब खिंचाई की है। इस चार पेज के लेख 'ड्रैगन का प्यारा खान' में आमिर खान पर कई सवाल उठाए गए हैं।
लेख में कहा गया है कि आमिर खान की फिल्म 'दंगल' ने चीन में कुल 1,400 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जबकि सलमान की 'सुल्तान' महज 40 करोड़ ही कमा पाई थी। आमिर भारत में चीनी मोबाइल फोन वीवो के ब्रांड एंबेसडर हैं, जो सुरक्षा के नियमों की खुलेआम अनदेखी करता है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, आमिर खान के चीनी सोशल मीडिया मंच सिना वीबो पर 10 लाख से अधिक फालोअर हैं।
हाल ही में इस्तांबुल में तुर्की की फस्र्ट लेडी एमीन एर्दोगन के साथ आमिर खान की मुलाकात के बाद काफी लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। खान अपनी आगामी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए तुर्की में हैं।
आरएसएस के मुखपत्र ने कहा गया है, "जिस तरह आमिर खान तुर्की जाकर एक तरह से भारतवासियों की भावनाओं को ठेंगा दिखा रहे हैं, उसे समझने की जरूरत है। एक तरफ तो वह खुद को 'धर्मनिरपेक्ष' कहते हैं, पर दूसरी तरफ यही आमिर इजरायल के प्रधानमंत्री के भारत आने पर उनसे मिलने से मना करते हैं। अगर आमिर खुद को इतना ही धर्मनिरपेक्ष मानते हैं तो तुर्की जाकर शूटिंग करने की क्यों सोच रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है।"
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया था, "तो आमिर खान को तीन मस्कीटियर्स में से एक के रूप में वगीर्कृत करने को लेकर मैं बिल्कुल सही साबित हुआ हूं।"
स्वामी ने यह भी मांग की थी कि अभिनेता को क्वांरटीन कर देना चाहिए। उन्होंने एक कहा, "कोविड-19 नियमों के अंतर्गत वापस आने पर आमिर खान को दो हफ्तों के लिए सरकारी होस्टल में क्वांरटीन किया जाना चाहिए।"