Russia-Ukraine War : ब्रिटिश मीडिया में जबरदस्त आलोचना, इस कंपनी को रूस में बंद करना पड़ा अपना दफ्तर
Russia-Ukraine War : बीते 24 फरवरी जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था उसी दिन से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस के बहिष्कार का सिलसिला शुरू कर दिया था। अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में अपने संचालन बंद कर दिए थे। पर इंफोसिस के ऐसा नहीं करने से ब्रिटेन और पश्चिमी देशों में उसके प्रति नाराजगी काफी बढ़ रही थी...
Russia-Ukraine War : रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध का असर अब मल्टीनेशनल कंपनियों (Multinational Companies) के संचालन पर भी पड़ने लगा है। अब इस लड़ाई की चपेट में एक प्रसिद्ध भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) भी आ गयी है। उसे रूस के मॉस्को में अपना दफ्तर बंद करने का फैसला लेना पड़ा है।
आपको बता दें कि बीते 24 फरवरी जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था उसी दिन से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस के बहिष्कार का सिलसिला शुरू कर दिया था। अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में अपने संचालन बंद कर दिए थे। पर इंफोसिस के ऐसा नहीं करने से ब्रिटेन और पश्चिमी देशों में उसके प्रति नाराजगी काफी बढ़ रही थी।
इस कड़ी में बीते कुछ दिनों में ब्रिटेन की मीडिया में भारतीय कंपनी इंफोसिस की कड़ी आलोचना हो रही थी। इन्हीं आलोचनाओं को देखते हुए कंपनी ने रूस के मॉस्को में स्थित अपने दफ्तर को बंद करने का फैसला ले लिया है।
कंपनी ने ब्रिटेन की द गार्जियन (The Guardian) अखबार को बताया है कि उसने मॉस्को (Moscow) में अपने कामकाम जो समेटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रूस के मॉस्को में तैनात कर्मचारियों को दूसरे देशों में भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति (Narayanmurthy) के दामाद ऋषि सुनाक (Rishi Sunak) पर रूस में कामकाज बंद नहीं करने को लेकर मीडिया में दबाव बनाया जा रहा था। वे ब्रिटेन में रोजकोष के चांसलर के रूप में तैनात हैं। कंपनी का रूस छोड़ने का फैसला इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि बीते दिनों रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय कंपनियों से रूस छोड़ने की अपील सुनाक ने की थी। पर रूस की मीडिया में ऋषि सुनाको हिप्पोक्रेट बताते हुए खबरें छपने लगी कि उनकी पत्नी के शेयर जिस इंफोसिस कंपनी में हैं उसने अब तक रूस में काम बंद नहीं किया है। ऐसे में वे मीडिया के घेरे में आ गए थे।