समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें- वरूण गांधी
वरूण गांधी ने नाम लिए बिना सरकार के कामकाज पर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होने कहा, सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक 'लोक कल्याणकारी सरकार' पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती...
Varun Gandhi : भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद व कद्दावर राजनेता वरूण गांधी (Varun Gandhi) ने एक बार फिर बिना नाम लिए सरकार पर निशाना साधा है। वरूण गांधी समय समय पर गरीबों मजलूमों और रोजगार के लिए आवाज बुलंद करते रहते हैं। उनका यह ट्वीट भी इसी कड़ी को आगे बढ़ाता दिख रहा है।
आज मंगलवार 22 फरवरी को वरूण ने ट्वीट कर कहा कि, 'केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को 'जबरन सेवानिवृत्त' यानि बेरोजगार कर देगा। समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें। सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक 'लोक कल्याणकारी सरकार' पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।'
इससे पहले गुरूवार को भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने एक ट्वीट में बैंक घोटाले के भगोड़ों पर लिखा था कि 'विजय माल्या: 9000 करोड़, नीरव मोदी: 14000 करोड़, ऋषि अग्रवाल: 23000 करोड़। आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है। इस महा भ्रष्ट व्यवस्था पर एक 'मजबूत सरकार' से 'मजबूत कार्यवाही' की अपेक्षा की जाती है।'
स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं हैं शामिल
बता दें कि पिछले कुछ समय से भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी पर हमला कर रहे हैं। भाजपा सरकार पर हमलावर होने के कारण भाजपा सांसद वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बीजेपी पार्टी में हाशिए पर कर दिया गया है। बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जारी किए गए स्टार प्रचारकों की सूची में भी उन्हें जगह नहीं दी गई थी।
इतना ही नहीं दोनों मां और बेटे को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी हटा दिया गया था। पिछले दिनों लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा टेनी द्वारा किसानों को गाड़ी से कुचले जाने को लेकर भी भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला था।