Sanjeet Murder Case : अपहरण और हत्याकांड का रहस्य तलाशने के लिए CBI पहुँची कानपुर, बेटे को याद कर आज भी रो पड़ता है परिवार

Sanjeet Murder Case : बर्रा निवासी 28 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की 26 जून, 2020 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी...

Update: 2021-10-18 03:30 GMT

(सनसनीखेज हत्याकांड में न्याय का आज भी इंतजार कर रहा है परिवार)

Sanjeet Yadav Murder Case (जनज्वार) : कानपुर के चर्चित संजीत यादव अपहरण एवं हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई टीम ने कानपुर में डेरा डाल दिया है। CBI संजीत के हत्यारोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जिस जगह संजीत की हत्या की गई उस मकान की दोबारा फॉरेंसिक जांच होगी। साथ ही केस में तत्कालीन एसपी साउथ रहीं अपर्णा गुप्ता सहित 9 पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ होगी। 

कानपुर में बर्रा निवासी 28 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की 26 जून, 2020 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। संजीत को छुड़ाने के लिए घरवालों ने 30 लाख रुपए फिरौती की रकम पुलिस को दी थी। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, लेकिन बदमाश पुलिस को भी गच्चा देकर फरार हो गये थे। साथ ही भागते समय रूपयों से भरा बैग भी ले गये थे।

संजीत का उसके बाद भी कुछ पता नहीं चला था। इसके बाद कानपुर पुलिस ने 24 जुलाई, 2020 को घटना का राजफाश किया। संजीत के दोस्त कुलदीप और राम बाबू व अन्य की गिरफ्तारी कर दावा किया कि इन्हीं आरोपितों ने अपहरण कर संजीत की हत्या की और शव पांडु नदी में फेंक दिया था।

मृतक संजीत यादव और तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा यादव

हालांकि, पुलिस शव बरामद नहीं कर सकी। पुलिस के दावे पर भरोसा न करते हुए परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर CBI जांच की सिफारिश की थी। इसके चलते अब जाकर मामले में सीबीआई जांच शुरू हो सकी है। संजीत की मां सुषमा और बहन रुचि का कहना है कि योगी सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश तो दे दिए लेकिन अब उनकी इच्छा है कि हत्यारे को फांसी दी जाए।

दरअसल 22 जुलाई की रात संजीत यादव का अपहरण हुआ था। 4 दिन बाद से ही संजीत के परिजनों के पास फिरौती के लिए कॉल आने लगी थे। 13 जुलाई 2020 को तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता व तत्कालीन गोविंद नगर सीओ मनोज कुमार गुप्ता व बर्रा पुलिस ने मिलकर अपहृताओं को रंगे हाथ पकड़ने का जाल बिछाया था। संजीत के पिता चमन लाल को लेकर अपहृताओं के इशारे पर गुजैनी हाईवे पर पहुंचे थे।

उनके पास एक रुपयों से भरा बैग था। चमन लगातार अपहृताओं से फोन पर बातचीत कर रहे थे। तभी बदमाशों ने कहा कि गुजैनी पुल के ऊपर से नीचे बैग फेंक दो। पुलिस अफसरों के कहने पर चमन ने नीचे बैग फेंक दिया था। बदमाश बैग लेकर फरार हो गए थे। तब चमन व उनके परिवार ने दावा किया था कि बैग में फिरौती के तीस लाख रुपए थे।

एसपी सहित 9 पुलिस कर्मी CBI के रडार पर

तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता, तत्कालीन बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय, दरोगा राजेश कुमार, योगेंद्र प्रताप, सिपाही विनोद कुमार, शिव प्रताप, दिशु भारती व सौरभ पांडेय को निलंबित कर दिया गया था। तत्कालीन SSP दिनेश कुमार पी का झांसी तबादला हो गया था। अब जब सीबीआई जांच करेगी तो यह सभी पुलिसकर्मी जांच की जद में आएंगे। जांच के दौरान आईपीएस समेत सभी पुलिस कर्मियों से पूरे मामले की पूछताछ सीबीआई टीम करेगी।

इन 4 सवालों के जवाब तलाशेगी CBI

1. संजीत की अपहरण के बाद हत्या की गई तो शव कहां गया?

2. अगर पुलिस ने खुद 30 लाख की फिरौती दी थी तो रुपए क्यों बरामद नहीं हुए?

3. हत्याकांड के खुलासे पर बर्रा पुलिस की कहानी कितनी सच है?

4. संजीत के कपड़े-बैग, मोबाइल समेत कुछ भी बरामद क्यों नहीं हो सका?

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