Satyendra Jain Arrest News : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को 9 जून तक रहना होगा ED की कस्टडी में, हवाला मामले में हुई है गिरफ्तारी

Satyendra Jain Arrest News : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली (Delhi) के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्येन्द्र जैन (Health Minister Satyendra Jain) की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी और अब कोर्ट ने 9 जून तक सत्येन्द्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में भेज दिया है...

Update: 2022-05-31 11:17 GMT

Satyendra Jain News : सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक और झटका, CBI कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

Satyendra Jain Arrest News : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली (Delhi) के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्येन्द्र जैन (Health Minister Satyendra Jain) की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी और अब कोर्ट ने 9 जून तक सत्येन्द्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में भेज दिया है। बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain Arrest News) को बीते सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने विशेष अदालत के समक्ष आज मामले में सत्येन्द्र जैन का प्रतिनिधित्व किया।

सत्येंद्र जैन पर लगे ये आरोप

बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering)  का मामला सीबीआई द्वारा वर्ष 2017 में मंत्री और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है। मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain Arrest News) पर यह आरोप लगाया गया था कि फरवरी 2015 से मई 2017 की अवधि के दौरान मंत्री ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। सीबीआई ने तब सत्येन्द्र जैन के खिलाफ दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल की थी।

इसलिए मांगी गई 14 दिन की कस्टडी

कोर्ट ने ईडी से पूछा की 14 दिन की कस्टडी क्यों। इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि मनी ट्रेल लेनदेन की एकीकृत प्रकृति को ध्यान में रखते हुए 14 दिन की कस्टडी मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि आईपीसी और पीएमएलए के तहत अन्य अपराधों के बीच अंतर यह है कि आईपीसी के कई अपराध क्षण भर में किए जा सकते हैं।

बता दें कि सत्येंद्र जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि सत्येन्द्र जैन जांच में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'आवेदक की क्या भूमिका है। अगर वे 2011-17 के बीच की अवधि की बात कर रहे हैं, तो वह चेक अवधि है। जाहिर है सब कुछ इस अवधि से संबंधित होना चाहिए। लेकिन ये सब इस अवधि से संबंधित नहीं है।'

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