सऊदी अरब ने 20 रियाल के नए नोट पर नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग दिखाया, भारत ने दर्ज कराई आपत्ति

सऊदी अरब की अगुवाई में हाल ही में जी-20 की बैठक होनी है, उसी मौके पर सऊदी ने एक नोट जारी किया है, जिसमें किंग सलमान की तस्वीर, जी-20 सऊदी समिट का लोगो और जी-20 देशों का नक्शा दिखाया गया है....

Update: 2020-10-30 02:30 GMT

File photo

जनज्वार। सऊदी अरब द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक ग्लोबल नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत से अलग दिखाया गया है। जिसपर अब भारत की ओर से आधिकारिक आपत्ति जताई गई है और इसे ठीक करने को कहा गया है। सऊदी अरब ने हाल ही में 20 रियाल का एक नया नोट जारी किया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग ही क्षेत्र दिखाया गया है।

सऊदी अरब की अगुवाई में हाल ही में जी-20 की बैठक होनी है, उसी मौके पर सऊदी ने एक नोट जारी किया है। जिसमें किंग सलमान की तस्वीर, जी-20 सऊदी समिट का लोगो और जी-20 देशों का नक्शा दिखाया गया है। 

इसी नक्शे में जम्मू और कश्मीर, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी शामिल है उसे एक अलग हिस्सा दिखाया गया है। यानी उसे ना भारत और ना ही पाकिस्तान का हिस्सा दर्शाया गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा 'भारत ने इस मामले में सऊदी अरब से तुरंत सुधारवादी कदम उठाने को कहा है। इसके साथ ही श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि पूरा केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं।'

बताया जा रहा है कि इस बैंकनोट पर प्रकाशित नक्शे में गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भी पाकिस्तान के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया गया है। पाकिस्तान सऊदी का प्रमुख सहयोगी है और इसे पाकिस्तानी नेता गंभीरता पर ले रहे हैं।

सऊदी अरब के इस फैसले से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने खुशी जताई। उन्होंने PoK और गिलगिट-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने पर सऊदी की तारीफ की।

सूत्रों की मानें, तो भारत ने जब इस नक्शे को देखा तो इसमें गड़बड़ी पाई। इस बारे में नई दिल्ली स्थित सऊदी अरब एम्बेसी और रियाद में मौजूद भारतीय एम्बेसी में इस मसले को उठाया गया। हालांकि, अभी सऊदी की ओर से इस मसले पर जवाब आना बाकी है।

बता दें कि भारत जी-20 देशों का हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान नहीं है। ये समिट 21-22 नवंबर को होनी है, ऐसे में सऊदी अरब के सामने नोट पर छपे नक्शे को बदलने का दबाव रहेगा।

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