Crude Prices : सऊदी अरब ने कच्चे तेल के दाम में की ऐतिहासिक वृद्धि, क्या भारत में फिर महंगा होगा पेट्रोल-डीजल ?
Crude Prices : पहले यह माना जा रहा था कि गर्मी के मौसम में कच्चे तेल की बढ़ती मांग और सप्लाई में कमी के चलते सऊदी तेल 1 से 1.5 डॉलर तक महंगा होगा। लेकिन 6.5 डॉलर की बढ़ोतरी ऐतिहासिक है। रॉयटर्स की खबर के अनुसार यह बढ़ोतरी सऊदी तेल उत्पादक कंपनी अरामको के हस्तक्षेप के बाद हुई है, जिसने ओपेक और अन्य तेल उत्पादक देशों से उत्पादन 648 हजार बैरल बढ़ाने पर एक समझौता किया है...
Crude Prices : दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश सऊदी अरब ने एशियाई देशों के लिए कच्चे तेल के दाम (Crude Prices) में ऐतिहासिक वृद्धि की है। जुलाई से लागू होने वाली नई दरों के मुताबिक एशियाई देशों को कच्चा तेल 2.1 डॉलर के मुकालब 6.5 डॉलर महंगा पड़ेगा।
इस वजह से बढ़ाए दाम
पहले यह माना जा रहा था कि गर्मी के मौसम में कच्चे तेल (Crude Prices) की बढ़ती मांग और सप्लाई में कमी के चलते सऊदी तेल 1 से 1.5 डॉलर तक महंगा होगा। लेकिन 6.5 डॉलर की बढ़ोतरी ऐतिहासिक है। रॉयटर्स की खबर के अनुसार यह बढ़ोतरी सऊदी तेल उत्पादक कंपनी अरामको के हस्तक्षेप के बाद हुई है, जिसने ओपेक और अन्य तेल उत्पादक देशों से उत्पादन 648 हजार बैरल बढ़ाने पर एक समझौता किया है। यह समझौता जुलाई से लागू होगा। समझौता इसलिए किया गया है, क्योंकि यूरोपीय संघ ने रूस से तेल आयात पर रोक लगा दी है। इससे पैदा हुई तेल की कमी को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाना जरूरी हो गया है। समझौते के तहत सितंबर तक उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
एशियाई देशो के लिए इसलिए बढ़े दाम
अमेरिका में सैर-सपाटे का सीजन जुलाई से शुरू होता है। लोग अपनी कारों में घूमने निकलते हैं। ओपेक का उम्मीद है कि वहां से भी तेल की मांग (Crude Prices) बढ़ेगी। इसके अलावा चीन ने अपने प्रमुख शहरों में कोविड के कारण लगे लॉकडाउन को अब खोलना शुरू कर दिया है। इससे भी मांग बढ़ने की संभावना है। ओपेक का कहना है कि मांग बढ़ने के बाद भी रूसी तेल की आवक भारत और चीन में बड़े पैमाने पर हो रही है। दोनों ही देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध नहीं किया है। रूस ने तो यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान चलाने की धमकी दी है।
भारत में कितना महंगा होगा पेट्रोल-डीजल
भारत अपना 35-39% तक तेल सऊदी अरब से मंगवाता है। तेल खरीदने के लिए उसे बढ़े हुए दाम तो चुकाने ही होंगे। रूस से सस्ता तेल मिल रहा है, जो या तो सीधे या किसी तीसरे देश के मार्फत भारत आ रहा है। रूस अकेले भारत को मिलने वाले सऊदी तेल की भरपाई नहीं कर सकता। ऐसे में उसे ओपेक देशों से महंगा तेल (Crude Prices) खरीदना ही होगा। इसे देखते हुए भारत में भी पेट्रोल-डीजल महंगा होने की आशंका ज्यादा है। हालांकि, केंद्र सरकार लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान कर सकती है। फिर भी इससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान होना तो तय है।