SBI recruitment news : Agneeveer की तर्ज पर बैंकों में भी होगी कॉन्ट्रेक्ट पर कर्मचारियों की भर्ती, नहीं मिलेंगे स्थायीकर्मियों वाले लाभ
SBI recruitment news : देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक खर्च कम करने के लिए नये कर्मचारियों के भर्ती कॉन्ट्रैक्ट पर करेगी। इसके लिए अलग से एक कंपनी शुरू करने की योजना है।
SBI recruitment news : मोदी सरकार ( Modi government ) की सेना में भर्ती की नई नीति तर्ज अब अग्निवीरों ( Agneeveer Scheme ) की तरह बैंकों ( Banks ) में भी कर्मचारियों की बहाली होगी। यानि एसबीआई ( SBI ) में नये कर्मचारी कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट पर रखे जाएंगे। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) ने खर्च कम करने के मकसद से ये फैसला लिया है। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए एसबीआई अलग से एक कंपनी शुरू बनाएगी।
RBI ने दी योजना को मंजूरी
हाल ही में स्टेट बैंक ( SBI ) की ऑपरेशन और सपोर्ट सब्सिडियरी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसके लिए अपनी ओर से सैद्धांतिक मंजूरी दी है। प्रारंभिक चरण में कंपनी ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंक शाखाओं में कर्मचारियों का प्रबंधन करेगी।
SBI के कुल खर्च में वेतन का हिस्सा 46%
एसबीआई ( SBI ) के इस फैसले के बारे में बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों की मानें तो यह कदम उठाकर बैंक अपना कॉस्ट-टू-इनकम रेश्यो कम करना चाहता है, जो अभी इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के हिसाब से बहुत ऊंचा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरे देश में एसबीआई ने बैंक शाखाओं का एक बहुत बड़ा नेटवर्क स्थापित कर रखा है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में एसबीआई के कुल ऑपरेशन खर्च में वेतन का हिस्सा करीब 45.7 फीसदी था और सेवानिवृत्ति लाभ व अन्य प्रोविजन की हिस्सेदारी 12.4 फीसदी है। यानि 58.1 फीसदी खर्च तो वेतन और सेवानिवृति लाभ और अन्य प्रोविजन पर ही खर्च हो जाता है।
वहीं ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि स्टेट बैंक ऑपरेशन सपोर्ट सर्विसेस जिन कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी वो सभी नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर होंगी। अनुबंध के आधार पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को एसबीआई के स्थायीकर्मियों को मिलने वाले सभी लाभ नहीं मिल सकेंगे।
दूसरे बैंक भी बढ़ा सकते हैं कदम
आरबीआई ( RBI ) से एसबीआई ( SBI ) को रही झंडी मिलने के बाद अब अन्य बैंक भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। कई बैंकों ने एसबीआई से पहले आरबीआई के सामने इस तरह की सब्सिडियरी बनाने का प्रस्ताव रखे थे लेकिन उस समय आरबीआई ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। अब एसबीआई को अनुमति मिलने के बाद अन्य बैंक भी अपने पुराने प्रस्तावों को एक बार फिर आगे बढ़ाने के लिए आरबीआई से ऐसी सब्सिडियरी के लिए मंजूरी मांग सकते हैं। इस प्रकार यह अग्निवीर की तरह बैंक में भी एक नई बहाली योजना होगी।