SC में पेगासस पर सुनवाई: अदालत ने कहा गंभीर हैं आरोप, कपिल सिब्बल बोले केंद्र को जारी करें नोटिस
पेगागस जासूसी मामले एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत कई पत्रकारों, नेताओं, कार्यकर्ताओं की ओर से याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है....
जनज्वार। देश की सुप्रीम कोर्ट में आज पहली बार पेगासस जासूसी कांड को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सुना और कहा कि अगर रिपोर्ट सही है तो इसमें कोई शक नहीं कि आरोप गंभीर हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीजेआई से आग्रह किया कि केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जाए। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई मंगलवार 10 अगस्त को होगी।
बता दें कि पेगागस जासूसी मामले एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत कई पत्रकारों, नेताओं, कार्यकर्ताओं की ओर से याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है। इस मामले पर सीजेआई जस्टिस एन.वी. रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इसपर सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी याचिका की प्रति केंद्र को दें। अब इस मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता पत्रकारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दत्तर ने कहा कि संपूर्ण और व्यक्तिगत गोपनीयता के रूप में नागरिकों की गोपनीयता पर विचार किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता शिक्षाविद जगदीप की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वर्तमान मामले की भयावहता बहुत बड़ी है और कृपया मामले की स्वतंत्र जांच कर विचार करें।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीजेआई से कहा कि मैं और हम सभी चाहते हैं कि आप केंद्र सरकार को नोटिस जारी करें। सिब्बल ने दलील दी कि पत्रकार, सार्वजनिक हस्तियां, संवैधानिक प्राधिकरण, कोर्ट के अधिकारी, शिक्षाविद सभी स्पाइवेयर द्वारा टारगेटेड हैं और सरकार को जवाब देना होगा कि इसे किसने खरीदा? हार्डवेयर कहां रखा गया था? सरकार ने एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की?
सीजेआई रमना ने कहा अगर रिपोर्ट सही है तो इसमें कोई शक नहीं कि आरोप गंभीर हैं। पेगासस कांड पर सीजेआई ने कहा कि 2019 में जासूसी की खबरें आई थीं। मुझे नहीं पता कि अधिक जानकारी हासिल करने केलिए कोई प्रयास किया गया है या नहीं। मैं हर एक मामले के तथ्यों की बात नहीं कर रहा, कुछ लोगों ने दावा किया है कि फोन इंटरसेप्ट किया गया है। ऐसी शिकायतों के लिए टेलीग्राफ अधिनियम है।
सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि यह स्पाइवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है और निजी संस्थाओं को नहीं बेचा जा सकता है। एनएसओ प्रौद्योगिकी अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शामिल है। पेगासस एक दुष्ट या कपटी तकनीक है, जो हमारी जानकारी के बिना हमारे जीवन में प्रवेश करती है। यह हमारे गणतंत्र की निजता, गरिमा और मूल्यों पर हमला है।