Sedition Case : शरजील इमाम को जमानत के लिए करना होगा लंबा इंतजार, 7 जुलाई के बाद होगी सुनवाई

Sedition Case : दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) की अंतरिम जमानत याचिका पर 7 जुलाई तक के लिए सुनवाई स्थगित की।

Update: 2022-06-10 09:54 GMT

Sharjeel Imam News : शरजील इमाम को अंतरिम जमानत देने से कोर्ट का इनकार, मारपीट के मामले में तिहाड़ जेल के अधिकारी तलब

Sedition Case : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) को देशद्रोह मामले में जमानत के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। उनकी याचिका पर सुनवाई अब सात जुलाई के बाद ही संभव है। ऐसा इसलिए कि अदालतों से शुक्रवार के बाद से छुट्टी हो गई है। यानि सात जुलाई तक अदालतों में कोई सुनवाई नहीं होगी। दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High court ) ने कहा कि अदालतों में आज से छुट्टी हो गई है, इसलिए मामले को स्थगित किया जाता है।

देशद्रोह के मामले ( Sedition Case ) में 6 जून की सुनवाई के बाद अदालत ने शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) के एक आवेदन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को सुनवाई 7 जुलाई तक के लिए टाल दी है।

शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) ने फरवरी, 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे की कथित बड़ी साजिश से संबंधित मामले में अंतरिम जमानत देने का आग्रह किया है। विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इमाम और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 10 जून को मुकर्रर की थी।

शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) ने अपने आवेदन में राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश हवाला देते हुए कहा है कि निचली अदालत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124ए (राजद्रोह) को उसकी संवैधानिकता पर अंतिम निर्णय आने तक विचार में नहीं कर सकती है।

क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह मामले ( sedition case ) में मई में केंद्र सरकार को आईपीसी की धारा 124ए को स्थगित रखने का निर्देश दिया था। केंद्र तथा राज्य सरकारों से इस धारा में कोई मामला दर्ज करने से बचने को कहा था।

क्या है शरजील इमाम पर आरोप

जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC ) को लेकर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। शरजील इमाम के भाषण के बाद दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ( JMI University ) के आसपास हिंसक घटनाएं हुईं थी। इस घटना कि आद आईपीसी की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत शरजील के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। अप्रैल 2020 में इमाम पर राजद्रोह ( sedition ) का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि उसके भाषण ने लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया जिसके कारण जामिया मिलिया इस्लामिया क्षेत्र में दंगे हुए। बता दें कि सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों के बाद फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। 



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