Sehore News: लापता पटवारी का शव नदी से बरामद, तहसीलदार का कोई सुराग नहीं, सोमवार की रात पार्टी के लिए दो दिन पहले निकले थे साथ
Sehore News: सोमवार की रात पटवारी को लेकर पार्टी करने गए तहसीलदार की कार बुधवार की सुबह अवंतिपुरा नदी और डैम के बीच फांसी मिल गई है। सर्च ऑपरेशन के दौरान मौके से पटवारी का शव बरामद किया जा चुका है।
Sehore News: सोमवार की रात पटवारी को लेकर पार्टी करने गए तहसीलदार की कार बुधवार की सुबह अवंतिपुरा नदी और डैम के बीच फांसी मिल गई है। सर्च ऑपरेशन के दौरान मौके से पटवारी का शव बरामद किया जा चुका है। लेकिन अभी लापता तहसीलदार का कुछ पता नहीं चला है। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से पटवारी सहित तहसीलदार के लापता होने से प्रशासनिक मशीनरी में हड़कंप मचा हुआ था। फिलहाल पुलिस कार को नदी से निकालने की कोशिशों में जुटी है।
मालूम हो की सीहोर जिले पटवारी के महेंद्र रजक और तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर सोमवार देर रात से लापता थे। दोनों ही अपने घर से बाहर जाकर खाना खाने की बात कहकर कार से गए थे। लेकिन सुबह तक यह लोग घर नहीं लौटे थे। तहसीलदार नरेन्द्र सिंह ठाकुर सीहोर जिले की मोहनपुर बढ़ोदिया तहसील में पदस्थ थे। ठाकुर मध्यप्रदेश तहसीलदार संघ के अध्यक्ष भी थे। पटवारी महेन्द्र रजक नसरुल्लागंज तहसील में पदस्थ थे। तहसीलदार और पटवारी के कर सहित लापता होने की खबर आम होते ही मध्य प्रदेश के प्रशासन में हड़कप मच गया था। परिजनों ने मंडी थाने में मंगलवार सुबह दोनों की गुमशुदगी की रिपार्ट दर्ज कराई। जिसके बाद से ही पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि सोमवार की रात को तहसीलदार और पटवारी अपने दोस्त महेन्द्र शर्मा और राहुल आर्य के साथ पार्टी करने रफीकगंज स्थित दोस्त तरुण सिंह के फार्म हाउस पर गए थे। पार्टी के बाद तहसीलदार और पटवारी कार से घर के लिए रवाना हुए थे। लेकिन रास्ते से ही वह कार सहित लापता हो गए थे।
बुधवार सुबह ग्रामीणों ने अवंतीपुरा के पास नदी और डैम के बीच एक कार फंसी हुई देखी तो उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब कार के अंदर देखा तो पटवारी महेन्द्र रजक की लाश मिली। वहीं तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर कार में नहीं थे। पुलिस दोनों के नदी की बाढ़ में बहने से मौत का अंदेशा जता रही है। जिसके पीछे घटना वाले दिन करबला पुल पर चार फीट ऊपर पानी बहने की वजह बताई जा रही है। जिले में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण नदी नाले उफान पर थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सोमवार की रात करबला पुल से करीब चार फीट ऊपर पानी बह रहा था। संभावना जताई जा रही है कि पार्टी करके लौट रहे तहसीलदार नरेन्द्र सिंह और पटवारी महेन्द्र रजक की कार इसी दौरान यहां से गुजरी होगी। पुल पर आए तेज बहाव के कारण संभवता कार पानी में बह गई। पानी का बहाव कम होने के कारण आज सुबह ग्रामीणों को यह कार दिखाई दी। जिसके बाद सर्चिंग टीम ने कार और उसमें सवार पटवारी महेन्द्र रजक का शव छापरीखुर्द के पास नदी से बरामद किया है।