Service Charge Guidelines : रेस्टोरेंट अब नहीं वसूल सकते सर्विस चार्ज, जानिए क्या है नई गाइडलाइंस
Service Charge Guidelines : सीसीपीए के अनुसार कोई भी रेस्टोरेंट अपने क्लाइंट को सेवा देने के लिए सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं, अगर कोई रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक उस रेस्टोरेंट खिलाफ उपभोक्ता आयोग में ई-दाखिल शिकायत कर सकता है...
Service Charge Guidelines : रेस्टोरेंट अब नहीं वसूल सकते सर्विस चार्ज, जानिए क्या है नई गाइडलाइंस
Service Charge Guidelines : सर्विस चार्ज को लेकर कई हफ्तों से चल रही बहस ने एक अहम मोड़ ले लिया है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए ने सर्विस चार्ज (Service Charge) को लेकर नए नियम बना दिए हैं। सीसीपीए के अनुसार कोई भी रेस्टोरेंट अपने क्लाइंट को सेवा देने के लिए सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं, अगर कोई रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक उस रेस्टोरेंट खिलाफ उपभोक्ता आयोग में ई-दाखिल शिकायत कर सकता है। नियम के अनुसार सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहक पर निर्भर करता है। रेस्टोरेंट इसके लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं।
सर्विस चार्ज है अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस
बता दें कि सीसीपीए ने सर्विस चार्ज को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज बताया है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के अनुसार होटल और रेस्टोरेंट में दिए जाने वाले खाने की कीमत में फूड और सर्विस पहले से ही शामिल होते हैं। ग्राहक डिस्टिक कलेक्टर के पास भी शिकायत कर सकते हैं। जांच के बाद आपकी शिकायत को सीसीपीए के पास भेजा जा सकता है।
रेस्टोरेंट नहीं वसूल सकते अब सर्विस चार्ज
पिछले हफ्तों से बार-बार सर्विस चार्ज का जिक्र हो रहा है और उस पर खूब बहस भी हो रही है। कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने होटल और रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज वसूलने से मना कर दिया है। सर्विस चार्ज पर छिड़ी इस बहस से ने लोगों के मन में कई कन्फ्यूजन पैदा करती हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि सर्विस चार्ज गैरकानूनी है। वहीं रेस्टोरेंट एसोसिएशन का कहना है कि यह गैरकानूनी नहीं है। अब इस पर सीसीपीए की नई गाइडलाइंस आ चुकी है।
क्या होता है सर्विस चार्ज
बता दें कि सर्विस चार्ज वह चार्ज होता है, जिसे तमाम होटल और रेस्टोरेंट सर्विस दिए जाने के लिए वसूलते हैं। यह 5 फीसदी से 15 फीसदी तक हो सकता है। बता दें कि यह चार्ज 5 फीसदी जीएसटी (होटल के अंदर वाले रेस्टोरेंट में 18 फीसदी जीएसटी) के अलावा लगता है। जहां एक ओर जीएसटी चुकाना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर सर्विस चार्ज वैकल्पिक है। यही वजह है कि अधिकतर रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज वसूले जाने की बात इसकी दर के साथ मेन्यू में या फिर कई बार रेस्टोरेंट के मेन गेट पर ही लिखी रहती है।