Shaheed Diwas : राहुल गांधी ने BJP-RSS पर बोला हमला, कहा - 'बापू आज भी जिंदा हैं'
Shaheed Diwas : एक हिंदुत्वादी ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी को गोली मारी थी। उसके बाद से सभी हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। लेकिन ऐसा नहीं है। गांधी आज भी जिंदा हैं।
Shaheed Diwas : पेगासस स्पायवेयर जासूसी कांड को लेकर शनिवार को मोदी सरकार को द्रेशद्रोही करार देने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने आज फिर भाजपा-आरएसएस ( BJP-RSS ) पर हमला बोला है। शहीद दिवस पर की सुबह उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) को याद करते हुए कहा है कि एक हिंदुत्वादी ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी को गोली मारी थी। उसके बाद से सभी हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे, लेकिन ऐसा नहीं है। गांधी आज भी जिंदा हैं।
एक हिंदुत्ववादी ने गाँधी जी को गोली मारी थी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 30, 2022
सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गाँधी जी नहीं रहे।
जहाँ सत्य है, वहाँ आज भी बापू ज़िंदा हैं!#GandhiForever pic.twitter.com/nROySYZ6jU
उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी। उसके बाद सेसब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गाँधी जी नहीं रहे। लेकिन जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!
मोदी सरकार ने किया देशद्रोह का अपराध
एक दिन पहले पेगासस स्पायवेयर का जिन्न एक बार सामने आने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने ट्वीट कर लिखा था कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है। दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कें पेगासस स्पायवेयर के मुद्दे पर सरकार ने संसद में झूठ बोला। इससे साबित होता है कि चौकीदार ही चोर है।
गोडसे ने गांधी को मारा
Shaheed Diwas : बता दें कि आज भारत मोहनदास करमचंद गांधी की 74 वीं पुण्यतिथि मना रहा है। आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) के योगदान को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। बापू ने अनगिनत स्वतंत्रता आंदोलनों का नेतृत्व किया और अहिंसा की वकालत की। लेकिन 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने बिड़ला हाउस में शाम की प्रार्थना के दौरान राष्ट्रपिता की हत्या कर दी थी। गोडसे ने गांधीजी को भारत-पाकिस्तान विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया जिसके कारण हजारों लोगों की जान चली गई।