Shashi Tharoor News: मुस्लिम कलाकार को मंदिर में प्रस्तुति से रोका, थरूर का सवाल- कहां है 'वसुधैव कुटुंबकम'?

Shashi Tharoor News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केरल के एक मंदिर में नास्तिक नृत्यांगना को नृत्य की अनुमति नहीं मिलने को लेकर मंगलवार को कहा कि कला का कोई धर्म या जाति नहीं होती, लेकिन इस मामले में धर्म कला पर हावी हो गया।

Update: 2022-03-29 16:50 GMT

Shashi Tharoor News: मुस्लिम कलाकार को मंदिर में प्रस्तुति से रोका, थरूर का सवाल- कहां है 'वसुधैव कुटुंबकम'?

Shashi Tharoor News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केरल के एक मंदिर में नास्तिक नृत्यांगना को नृत्य की अनुमति नहीं मिलने को लेकर मंगलवार को कहा कि कला का कोई धर्म या जाति नहीं होती, लेकिन इस मामले में धर्म कला पर हावी हो गया। थरूर ने कहा, ''कला का कोई धर्म या जाति नहीं होती, लेकिन यहां धर्म कला पर हावी हो गया।''

उन्होंने कहा कि दूसरे धर्मों के मानने वाले अन्य लोगों को अपने धर्म का सम्मान करने के लिए अपनी ओर खींचते हैं तथा मस्जिदों, गिरजाघरों और गुरुद्वारों के दरवाजे खोलते हैं। लोकसभा सदस्य ने कहा, ''तिरुवनंतपुरम के जन प्रतिनिधि के तौर पर मैं सेंट जोसेफ गिरजाघर में 'किसमस ईव मास' में शामिल हुआ, जुमा मस्जिद में ईद मनायी और ईसाई धर्म के हर पंथ के पवित्र स्थलों पर गया।'' थरूर ने केरल के इस मामले का हवाला देते हुए कहा कि यह वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वधर्म सम्भाव का धर्म नहीं है। ये नियम 'छोटी सोच' के लोगों ने बनाया है जिनमें उनके पूर्वाग्रह दिखाई देते हैं।

गौरतलब है कि एक नास्तिक नृत्यांगना मानसिया वीपी को सोमवार को यह कहकर विख्यात कुडलमाणिक्यम मंदिर में नृत्य करने की इजाजत नहीं दी गई कि वह एक गैर हिंदू है। यह मंदिर इरिंजालकुडा के पास स्थित है, जहां आगामी समारोह के लिए नृत्यांगना को नृत्य करना था। भरतनाट्यम नृत्यांगना मानसिया वीपी ने शास्त्रीय नृत्य में पीएचडी किया है। उन्होंने फेसबुक पर सोमवार को कहा कि मंदिर के अधिकारियों ने उन्हें नृत्य नहीं करने दिया, जबकि कार्यक्रम से संबंधित नोटिस में उनका नाम शामिल था। मंदिर के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें मंजूरी नहीं दी गई, क्योंकि मंदिर की परंपरा के अनुसार गैर हिंदू को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।

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