चीन ने बसा दिया भारत में पूरा एक गांव, इस पर 'तांडव' कब करेगी मोदी सरकार?
चीन की घुसपैठ की खबर चिंता बढाने वाली है। हिंदुस्तान की सीमा में घुसकर चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक पूरा गांव बसा लिया है...
जनज्वार। मोदी सरकार बड़े वादों और सपनों वाली दुनिया में जनता को ले जाने में माहिर है। पर, जमीनी हकीकत इससे कहीं जुदा है। अरुणाचल प्रदेश में हमारे भूभाग पर चीन ने अपनी काॅलोनी बसा ली है, जिस पर अब भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी रह चुकी शिवसेना ने सवाल पूछा है। शिवसेना ने लद्दाख में भी हमारी जमीन पर चीन के कब्जे को लेकर भाजपा व मोदी सरकार से सवाल पूछा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में पूछा है कि भाजपा आखिर लद्दाख में चीन के कब्जे पर तांडव कब करेगी?
शिवसेना ने भाजपा के द्वारा तांडव वेब सीरीज पर देश में किए जा रहे विरोध प्रदर्शन और वास्तविक मुद्दों से मुंह मोड़ने को लेकर कटाक्ष करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भाजपा को घेरा है। शिवसेना ने अपने अखबार सामना के मराठी संस्करण में लिखा है कि चीन ने लद्दाख में घुसकर हिंदुस्थानी जमीन पर कब्जा कर लिया। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है, इस पर भाजपा कब तांडव करेगी?
जबकि हिंदी संस्करण में लिखा गया है कि अरुणाचल प्रदेश से आनेवाली चीन की घुसपैठ की खबर धक्का देने वाली और चिंता बढाने वाली है। यह चिंता के साथ चिढ बढाने वाली खबर भी है। हिंदुस्तान की सीमा में घुसकर चीन ने अरुणाचल प्रदेश के सीमा क्षेत्र में एक पूरा गांव बस लिया है। यह सब एक रात में नहीं हुआ है, कई महीनों तक चीनी सैनिक और वहां के लाल बंदरों की सरकार इस गांव को बसाने में जुटी थी। सामना में लिखा गया है कि सवाल ये है कि हमारी हद में जब चीन नया गांव बसा रहा थाए उस समय हमारे प्रधानसेवक और चौकीदार आदि कहे जानेवाली शक्तिशाली सरकार क्या कर रही थी?
अखबार ने लिखा है कि किसी गांव में एक घर निर्माण के लिए ईंट, पत्थर, सीमेंट, स्टील व रेत लाना होता है। माल यातायात की शुरुआत होती है और यह बात गांव भर में फैल जाती है कि कहीं निर्माण शुरू हुआ है। जबकि यहां तो एक-दो घर नहीं बल्कि पूरा गांव ही बसा दिया गया है लेकिन किसी भी प्रकार का शोर नहीं हुआ। कई मकान खड़े हो गए, पक्के घरों का निर्माण हुआ, लेकिन हमारी केंद्र सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। अखबार ने लिखा है कि हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसा एक ही गांव बसाया गया है या दो-तीन गांव बसाये गए हैं। विदेश मंत्रालय ही इसे स्पष्ट कर सकता है।
शिवसेना ने लिखा है कि लद्दाख में इसी तरह हमारी भूमि में घुसकर कब्जा किया है। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनियों ने घुसपैठ कर कब्जा किया, लेकिन मोदी सरकार ने दावा किया कि चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुसे ही नहीं हैं। अखबार ने लिखा है कि बदनामी के डर से हमारी सरकार की शुरुआती भूमिका यही थी, जिससे चीन को मौका मिला और उसने गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत कर ली।
सामना ने लिखा है कि अरुणाचल में गांव बसाने की जो तसवीर आयी है उसे देखकर देश के किसी भी नागरिक का दिमाग गर्म हो जाएगा, लेकिन सवाल सिर्फ इतना है कि जनता के मन की आग सरकार के दिमाग में जाएगी क्या? सामना ने लिखा है कि सरकार की ओर से इस पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।