Sidhu Moose wala Murder : इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शुभदीप सिंह कैसे बने गायक सिद्धू मूसेवाला, आखिरी गीत सच बनकर आया सामने

Sidhu Moose wala Murder : सिद्धू मुसे वाला ने गीत लिखने से अपने करियर की शुरुआत की थी, मगर उनका यह सफर आगे बढ़ते बढ़ते गायकी से उन्हें राजनीति तक ले आया था, बचपन से ही गायकी के प्रति आकर्षित सिद्दू मूसे वाला बनना तो गायक ही चाहते थे मगर शुरुआत में कोई रास्ता नजर ना आने पर गीत लिखने लगे थे...

Update: 2022-05-30 07:04 GMT

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Sidhu Moose wala Murder : सिद्धू मूसे वाला (Sidhu Moose wala Murder) का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू (Shubhdeep Singh Sidhu) था। सिद्धू मूसे वाला का जन्म 11 जून 1993 को पंजाब (Punjab) के मनसा के मूसा गांव में भोला सिंह व चरण कौर के घर हुआ। महज 29 साल की उम्र में आते आते ही सिद्धू मूसेवाला पड़ाव दर पड़ाव अपनी गायकी से युवाओं के दिल की धड़कन बन गए थे। सिद्धू मुसेवाला को बचपन से ही गायकी का शौक था। मुसेवाला स्कूल कॉलेज के दिनों में भी गीत गाकर तालियां बटोर लिया करते थे। अपनी गायकी के दम पर सिद्दू मूसे वाला ने अपने गांव का नाम दुनिया भर में चमका दिया था।

गीत लिखने से गायकी तक

बता दें कि सिद्धू मुसे वाला ने गीत लिखने से अपने करियर की शुरुआत की थी, मगर उनका यह सफर आगे बढ़ते बढ़ते गायकी से उन्हें राजनीति तक ले आया था। हालांकि बचपन से ही गायकी के प्रति आकर्षित सिद्दू मूसे वाला बनना तो गायक ही चाहते थे मगर शुरुआत में कोई रास्ता नजर ना आने पर गीत लिखने लगे थे और पहला गीत लाइसेंस लिखा था। गीत को प्रसिद्ध गायक निंजा ने अपनी आवाज दी। यह इतना मशहूर हुआ कि इससे बटोर राइटर सिद्धू मूसे वाला को भी अच्छी पहचान मिली। इसके बाद तो उनका संगीत निर्देशकों व गायकों के बीच उठना बैठना हो गया था। मुसेवाला कनाडा भी गए। जहां वह एक संगीत निर्देशक के संपर्क में आए और उनके साथ अच्छी पहचान हो गई।

इस गाने से मिली नई पहचान

2017 में 'सो हाई गीत' बनाया। हालांकि इससे पहले सिद्धू एक दो गीत भी गा चुके थे, मगर इस गीत ने उन्हें नई पहचान दी। इसके बाद सिद्धू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2018 में अपना एलबम पीबीएक्स निकाला, जो काफी हिट रहा। इस एल्बम को काफी अवॉर्ड भी मिले थे।

सिद्धू मूसे वाला ने गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षा पूरी करने के बाद गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज लुधियाना में इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा भी किया।

सिद्धू मूसे वाला का राजनीति में कदम

हाल ही में विधानसभा 2022 में सिद्धू मूसेवाला ने कांग्रेस का दामन थामा और राजनीति में कदम रखा और मनसा से चुनाव भी लड़ा, मगर गायकी की पिच की तरह सियासत की पिच में वह लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके थे और चुनाव हार गए थे। सिद्दू मूसे वाला के करीबी मित्र गायक खुदा बख्श और अफसाना खान ने कहा कि वे इस समय स्टेज शो करने दुबई गए हैं, मगर जब से सिद्धू वाला मूसे वाला की मौत की खबर सुनी है तो दिल को गहरा धक्का लगा है। वह यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। सिद्धू मुसे वाला खुदा बख्श के परिवार के काफी करीबी रहे हैं और चुनाव दौरान बादल स्थित उनके घर पर भी आते जाते रहे।

सिद्धू मूसे वाले का आखरी गीत

'ओह चौबर दे चेहरे उत्ते नूर दसदा ने, एहदा उठेगा जवानी विच जनाजा मिठ्ठिये...' यह गीत सिद्धू मूसे वाला नेवाजूराय बर के साथ मिलकर 15 मई को रिलीज किया था शायद उन्हें पता नहीं था कि यह उनकी जिंदगी का आखरी गीत है और इस गीत के बोल सच होने वाले हैं। महज 2 सप्ताह बाद ही सिद्धू मूसे वाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिद्धू ने यह गीत खुद पर ही गाया था।

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