पादरी के घर के बाहर लगाए धर्मांतरण रोको के नारे, फिर भीड़ ने घर में घुसकर की पिटाई

घटना उस वक्त हुई जब कुकदूर थाना क्षेत्र के पोलमी गांव के रहने वाले पादरी के घर पर पूजा चल रही थी, रविवार को वहां लोगों की भीड़ जमा हुई और नारेबाजी करने लगी...

Update: 2021-08-30 06:07 GMT

धर्म परिवर्तन विरोधी नारे लगा भीड़ ने पादरी की कर दी पिटाई (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जनज्वार। धार्मिक असहिष्णुता के हाल-फिलहाल कई मामले सामने आए हैं। कुछ ही दिन पहले मध्यप्रदेश में एक फेरीवाले का नाम पूछ कर कथित पिटाई का मामला सामने आया था। उसके बाद इस तरह की एक-दो और घटनाएं हो गईं। अब छत्तीसगढ़ में कथित रूप से धर्म परिवर्तन का आरोप लगा भीड़ द्वारा एक पादरी की घर में घुस कर पिटाई कर दी गई।

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक गांव में पादरी को पीटने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 100 से ज्यादा लोगों ने 25 साल के एक पादरी के घर में घुसकर कथित तौर पर उसकी पिटाई कर दी। इस दौरान भीड़ धर्मांतरण रोको के नारे भी लगा रही थी।   

एक पुलिस अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पादरी का नाम कवलसिंह परस्ते है। पहले कवलसिंह के घर के बाहर धर्म परिवर्तन के खिलाफ नारे लगाए गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, भीड़ ने उनकी संपत्ति की तोड़फोड़ की और मौके से भागने से पहले महिलाओं सहित उनके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब कुकदूर थाना क्षेत्र के पोलमी गांव के रहने वाले पादरी के घर पर पूजा चल रही थी। रविवार को वहां लोगों की भीड़ जमा हुई और नारेबाजी करने लगी। वहीं पुलिस ने बताया कि भीड़ ने पूजा की वस्तुओं और घरेलू सामानों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

कबीरधाम के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। साथ ही कहा कि इस संबंध में मामला दर्ज किया जा रहा है और आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।

वहीं छत्तीसगढ़ ईसाई मंच के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने पुलिस और राज्य सरकार पर ईसाई पूजा स्थलों पर हमले के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "यह काफी खतरनाक है, जो राज्य में प्रचलित हो गई है और सरकार इसे रोकने में विफल रही है। सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में लाचार है।"

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 15 दिनों में, राज्य भर में हमारे धार्मिक स्थलों पर कम से कम 10 ऐसे हमले कथित रूप से हुए, लेकिन किसी भी मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हम सिर्फ न्याय चाहते हैं।

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