Sologamy marriage : क्षमा बिंदु ने की खुद से शादी, क्या ये कानून सम्मत है, अगर नहीं, तो क्या कहता है भारतीय कानून?
Sologamy marriage : गुजरात की क्षमा बिंदु ने गुरुवार को खुद से शादी कर इतिहास रच दिया है। साथ ही स्व-विवाह के बंधन में बंधने वाली वो संभवत: गुजरात और पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं।
Sologamy marriage : क्षमा बिंदु ने की खुद से शादी, क्या ये कानून सम्मत है, अगर नहीं, तो क्या कहता है भारतीय कानून?
Sologamy marriage : अक्सर खुद से शादी जैसी घटनाएं फिल्मों में देखने को मिलती हैं, लेकिन गुजरात ( Gujrat ) की क्षमा बिंदु ( Kshama Bindu ) ने गुरुवार को खुद से शादी ( Sologamy Marriage ) कर इतिहास रच दिया है। साथ ही स्व-विवाह के बंधन में बंधने वाली वो संभवत: गुजरात और पहली भारतीय महिला ( First sologamy women ) भी बन गई हैं। यह एक ऐसी शादी है जिसमें इंसान को किसी दूसरे पार्टनर की जरूरत नहीं होती है। इसमें इंसान खुद से ही शादी रचाता है। खुद से शादी करने को सोलोगैमी (Sologamy) कहा जाता है। क्षमा बिंदु ( Kshama Bindu ) के इस कारनामे के बाद चर्चा इस बात की है कि खुद से शादी क्या है, क्या ये कानून सम्मत है, अगर नहीं तो भारतीय कानून क्या कहता है?
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से क्षमा बिंदु ( Kshama Bindu ) सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही हैं। क्षमा ने ऐसा कर सनसनी मचा दी है। उनके फैसले से एक नई बहस की शुरुआत हुई है। गुजरात की रहने वाली क्षमा बिंदु 11 जून को एक समारोह में खुद से शादी करने वाली थीं, लेकिन तय समय से दो दिन पहले यानि 9 जून को ही उन्होंने शादी कर ली है। ऐसा उन्होंने शादी में किसी तकनीकी अड़चनें न आने व किसी विवाद से दूर रहने के मकसद से किया है। क्षमा ने जब खुद से शादी करने ऐलान किया तब से पूरे भारत में इसकी चर्चा हो रही है। अब जब वो शादी कर चुकी हैं तो ये बात भी सामने आई है कि संभवत: खुद से शादी करने वाली वो गुजरात और देश की पहली महिला हैं।
क्षमा बिंदु ( Kshama Bindu ) ने शादी के बाद बताया कि यह एक शांत समारोह था क्योंकि मेरे केवल 10 दोस्तों और सहयोगियों ने समारोह में भाग लिया था। किसी भी "परेशानी" से बचने के लिए उन्हें मंदिर से वेन्यू बदलना पड़ा। वह बहुत जल्द हनीमून मनाने के लिए गोवा भी जाएंगी। उन्होंने खुद से विवाह को "स्वयं के लिए प्रतिबद्धता और स्वयं के लिए बिना शर्त प्यार" के रूप में बताया है। क्षमा के मुताबिक उसके माता-पिता, उसके फैसले के समर्थन में थे। वह दो हफ्ते के हनीमून के लिए गोवा भी जाने वाली हैं।
क्या कहता है भारतीय का कानून
भारत व्यवस्था में जब एक लड़का और एक लड़की की पूरी विधि-व्यवस्था के साथ शादी होती है तभी उसे पूर्ण शादी माना जाता है। किसी भी शादी को कानूनी मान्यता (Legal Recognition) देने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate) लेना पड़ता है लेकिन वर्तमान समय में दुनिया के कई देशों में समलैंगिक शादी को भी कानूनी मान्यता मिल रही है। हालांकि, भारत में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। यदि सोलोगैमी की बात करें तो भारत का कानून ऐसी शादियों का मान्यता नहीं देता। अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में सेल्फ मैरिज का कॉन्सेप्ट अनजाना नहीं है। भारतीय सामाजिक व्यवस्था के लिहाज से यह शब्द नया है।
कौन हैं क्षमा बिंदू?
क्षमा बिंदू (Kshama Bindu) की उम्र महज 24 साल है। गुजरात के वडोदरा में रहने वाली इस लड़की ने खुद से शादी (Sologamy marriage) कर ली है। क्षमा बिंदू एक निजी फर्म के लिए काम करती हैं।
सोलोगैमी क्या है?
सोलोगैमी यानि स्व-विवाह या खुद से शादी, खुद से प्यार करने का नया कॉन्सेप्ट है। हर समाज में कुछ लोग खुद को इतना पसंद करते हैं कि वे खुद से ही शादी कर लेते हैं। सोलोगैमी को भले ही कानूनी मंजूरी न मिली हो लेकिन सोलोगैमी करने वाले ज्यादातर लोग सामाजिक समारोहों का आयोजन करते हैं फिर शादी रचाते हैं। भारतीय समाज सोलोगैमी को प्रतीकात्मक विवाह माना जाता है। यह 'आत्मप्रेम' को तवज्जो देने वाला कार्य है। इस तरह का काम वो लोग करते हैं जो अपनी आजादी के साथ समझौता नहीं करते हैं। उन्हें किसी सामाजिक बंधन में नहीं बंधना होता है। एसेक्सुअल लोग भी सोलोगैमी को ज्यादा तरजीह देते हैं। भारत में इसे आप दुल्हन ही दूल्हा है, दूल्हा ही दुल्हन के रूप में ले सकते हैं। यानि अपना दूल्हा और दुल्हन खुद वही शख्स होता है जो सेल्फ मैरिज करता है। स्व-विवाह का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि लोग एक न एक दिन अकेलेपन से ऊबने लगते हैं। सोलोगैमी शादी में दूल्हा और पंडित जी नहीं होते हैं।
ये है सोलोगैमी का इतिहास
स्व-विवाह यानि सोलोगैमी का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। 1990 के दशक में हुई थी। लिंडा बेकर नाम की एक महिला ने साल 1993 में खुद से शादी की थी। लिंडा बेकर की शादी को ही पहले सेल्फ मैरिज का दर्जा मिला है। जब लिंडा बेकर ने शादी की थी तब करीब 75 लोगों इस शादी समारोह में शामिल हुए थे। 1993 के बाद ऐसे कई मौके आए जब लोगों ने ऐसी शादियां की हैं। ब्राजीलियन मॉडल क्रिस गैलेरा ने अपने आप से तलाक ले लिया था। अपने सोलो मैरिज को खत्म कर दिया क्योंकि ठीक 90 दिन बाद उन्हें एक शख्स से प्यार हो गया था।
ऐसे रचाते हैं शादी
Sologamy marriage : खुद को सबसे ज्यादा तवज्जो देने वाले लोगों के लिए खुद से प्यार करने का न तो कोई नियम होता है न ही कानून। सेल्फ मैरिज के केस में ऐसा ही होता है। जहां तक शादी रचाने की बात है तो ये लोग भी वैसे ही शादी करते हैं, जैसा कि सदियों से लोग समाज में परंपराएं निभाते आये हैं। सभी रस्में उसी तरीके से निभाई जाती हैं। अब तो सेल्फ मैरिज करने वाले लोगों की मदद के लिए कई कंपनियां भी सामने आ गई हैं। भारतीय परंपरा की बात करें तो सोलोागैमी शादी में फेरे भी होते हैं, स्व-विवाह करने वाले सिंदूर भी लगाते हैं। सुहागरात भी मनाते हैं और हनीमून पर भी जाते हैं। क्षमा बिंदु ने मंगलसूत्र भी पहनी और सुहागन भी बनी। हनीमून पर गोवा भी जाने वाली हैं।