कानपुर : सपा MLA इरफान सोलंकी ने यूपी विधान भवन में नमाज के लिए रखी अलग कमरे की मांग तो उठा सियासी भूचाल!

BJP विधायक सुरेंद्र मैथानी ने विधानसभा के अंदर नमाज पढ़ने के लिए जगह की मांग को चुनावी एजेंडा करार दिया है। उन्होंने सपा विधायक इरफान सोलंकी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि, साढे 4 सालों में कभी भी यह मांग नहीं की गई...

Update: 2021-09-07 12:36 GMT
(कानपुर की आर्यनगर विधानसभा सीट से सपा विधायक हैं सोलंकी) image-socialmedia

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार, कानपुर। मंगलवार को कानपुर (Kanpur) के आर्यनगर से समाजवादी पार्टी विधायक हाजी इरफान सोलंकी (Hazi Irfan Solanki) ने दो राज्यों का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश विधान भवन में नमाज (Namaz) के लिए अलग कमरा बनाने की मांग की है। विधायक इरफान सोलंकी ने विधानसभा अध्यक्ष को इस बाबत एक पत्र भी लिखा है।

विधायक ने कहा कि, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ विधानसभा में ये सुविधा पहले से है। यूपी के मुस्लिम विधायकों को सदन की कार्यवाही छोड़कर नमाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। उनके इस बयान पर गोविंदनगर सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने पलटवार करते हुए कहा कि, चुनाव से पहले जनता को भ्रमित करने के लिए वह नाटक कर रहे हैं।

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पत्र में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक इरफान सोलंकी ने लिखा है कि, 'नमाज के लिए सभी विधानसभा में प्रेयर रूम होना चाहिए। अब अगर उत्तर प्रदेश विधान भवन में इबादत के लिए कमरा बना दिया जाता है तो इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। सपा विधायक सोलंकी ने उत्तर प्रदेश विधान भवन में नमाज के लिए कमरे की मांग करने के बाद कहा कि यह तो काफी पहले ही हो जाना चाहिए था।'

विधायक ने कहा कि विधानमंडल के विधानसभा तथा विधान परिषद के सत्र में मुस्लिम नेताओं को सत्र छोड़कर जाना पड़ता है। इससे काफी समय खराब होता है। इतने समय में जनता की मांग पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि मेरी मांग पर ध्यान दिया जाएगा।

गौरतलब है कि, झारखंड (Jharkhand) विधानसभा के नए भवन में अल्पसंख्यकों के नमाज पढ़ने के लिए अलग से एक कमरा आवंटित किया गया है। इसे लेकर झारखंड विधान सभा की तरफ से आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश जारी होने के साथ ही राज्य में इसे लेकर सियासत गर्म हो गयी है। बीजेपी और सत्ता पक्ष के नेता आपने सामने हैं।

बीजेपी (BJP) नेताओं ने आरोप लगाया है कि विधानसभा भवन में इस तरह की शुरुआत करना एक गलत पंरपरा की शुरुआत है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरित है। बीजेपी इस मामले में तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जल्द ही इस आदेश को वापस लेने की मांग की है। इसके अलावा बीजेपी नेताओं ने अलग अलग धर्मों के लिए अलग कक्ष आवंटित करने की मांग की है।

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सपा विधायक ने जनज्वार से हुई बातचीत में कहा कि, 'देश में दो राज्यों की विधानसभाओं में नमाज के लिए जगह दी गई है। उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा में नमाजी विधायकों को जगह दी जानी चाहिए। इरफान ने कहा कि यह आस्था से जुड़ा हुआ मामला है और इससे किसी को भी किसी तरह की परेशानी भी नहीं होनी चाहिए।'

वहीं दूसरी तरफ, गोविंद नगर से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी (Surendra Maithani) ने विधानसभा के अंदर नमाज पढ़ने के लिए जगह की मांग को चुनावी एजेंडा करार दिया है। उन्होंने सपा विधायक इरफान सोलंकी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि, 'साढे 4 सालों में कभी भी यह मांग नहीं की गई।'

मैथानी ने आगे कहा, 'चुनाव के वक्त पर इस तरह की मांग करना सिर्फ और सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। इरफान के पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी (Hazi Mushtaq Solanki) भी विधायक रहे हैं। पिछले 15 सालों से वह खुद विधायक हैं। कभी भी विधानसभा में मांग क्यो नही की गई। इससे साफ है कि यह मांग करके चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं।'

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