STET एक प्रतियोगिता परीक्षा है- ना कि पात्रता, रिजल्ट पर जारी उहापोह पर युवा नेता अनुपम ने उठाये सवाल
Bihar STET 2019 के रिजल्ट को लेकर जारी विवाद के बीच विपक्ष के नेता लगातार उठा रहे सवाल, युवा नेता अनुपम ने इसे शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया
जनज्वार पटना। बिहार में STET रिजल्ट का मसला गरम है। सरकार और शिक्षा विभाग लगातार इसे लेकर विवाद में है। अब बिहार के युवा नेता और 'युवा हल्ला बोल' के संस्थापक अनुपम ने नीतीश सरकार पर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने के आरोप लगाये हैं। अनुपम ने कहा कि STET शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुए खेल पर पर्दा डालने के लिए सरकार ने विज्ञापन से लेकर एफिडेविट तक में हर नियम को ताक पर रख दिया है।
'शिक्षक अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़'
एसटीआईटी का रिजल्ट जारी होने के बाद से ये लगातार विवादों में है। मामले पर युवा नेता अनुपम ने कहा कि ज्ञात हो कि बिहार बोर्ड ने पटना हाईकोर्ट में एफिडेविट देकर कहा था कि STET एक प्रतियोगिता परीक्षा है, ना कि पात्रता। इसी तर्ज पर विज्ञापन भी था जो कहता है कि विषयवार और कोटिवार कुल पदों के बराबर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मेधा सूची तैयार की जाएगी। जब 12 मार्च को परिणाम जारी किया गया और सरकार ने बार-बार कहा कि सभी सफल 24,599 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पक्की है तो वो भी उसी नियम के तहत था। लेकिन सवाल है कि 21 जून से पहले ऐसा क्या हुआ कि सरकार अपने ही एफिडेविट से लेकर विज्ञापन तक सब कुछ भूल गयी?
वही 'युवा हल्ला बोल' के प्रशांत कमल ने पूछा कि शिक्षा मंत्री अगर इसे पात्रता परीक्षा बता रहे हैं तो मेरिट लिस्ट क्यों बनायी गयी थी? अगर रिजल्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है तो सामने आकर दूध का दूध और पानी का पानी क्यों नहीं कर देती सरकार? उन्होंने आरोप लगाया कि इन सब बातों से मतलब साफ है कि सरकार भ्रम की स्थिति फैला कर ऐसी परिस्थिति बनाना चाहती है, जिसमें मामला कोर्ट चला जाए और भर्ती लटक जाए। बिहार के शिक्षक अभ्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
विवाद खत्म करने की कोशिश
दरअसल, इस पूरे मामले में बिहार सरकार अपने ही फैसलों और बयानों से सवालों के घेरे में है। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी पर अपने बयानों से पलटने और परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन की शर्तों का पालन न करने का आरोप है। एसटीईटी परीक्षा का सबसे पहले 12 मार्च को रिजल्ट जारी किया गया। जिसमें 15 में से 12 विषयों का परिणाम जारी हुआ और इसमें 24,599 अभ्यर्थियों को सफल यानी क्वालिफाइड बताया गया। वहीं 21 जून को बाकी 3 विषयों का रिजल्ट जारी हुआ तो कुल सफल अभ्यर्थियों की संख्या 30,675 हो गई। लेकिन इस दौरान हजारों अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर 'क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट लिख दिया गया।
इसे लेकर अभ्यर्थी विरोध जता रहे थे। मंगलवार 30 जून को अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री का आस घेरने की कोशिश भी की थी। इस दौरान उनपर लाठीचार्ज किया गया था।
लेकिन अब बिहार सरकार की ओऱ से Bihar STET 2019 के रिजल्ट को लेकर जारी विवाद खत्म करने की कोशिश की गयी है। सरकार ने सभी उर्तीण 80,402 अभ्यर्थियों को सातवें चरण की बहाली में मौका दिए जाने की बात कही है। इसके साथ ही TET सर्टिफिकेट की वैलिडिटी लाइफटाइम हो जाने के बाद अब STET 2011 के अभ्यर्थी भी सातवें चरण की बहाली के लिए पात्र होंगे।
नीतीश सरकार ने 21 जून को जारी की गई बिहार बोर्ड की मेरिट लिस्ट को भी खत्म कर दिया है, जिसमें 30,675 अभ्यर्थियों को STET परीक्षा की मेरिट लिस्ट में शामिल बताया था।