#StopSellingIndia मोदी सरकार द्वारा उर्जा, सड़क और रेलवे का निजीकरण कर 6 लाख करोड़ जुटाने पर ट्रेंड हुआ विरोध
मोदी सरकार ने 25 हवाई अड्डों सहित 400 रेलवे स्टोशनों में निजी निवेश की मंजूरी देने के साथ सड़क, रेलवे, बिजली सप्लाई, नेचुरल गैस पाइपलाइन, प्रोडक्ट पाइपलाइन, एविएशन, वेयर हाउस, टेलिकॉम अर्बन रियल स्टेट समेत माइनिंग में भी निजी निवेश को मंजूरी देने की तैयारी कर ली है...
जनज्वार ब्यूरो। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सड़क, उर्जा और रेलवे को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रूपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (NMP) के तहत कुछ क्षेत्रों को ठेके पर देने का एलान किया है। लेकिन दूसरी तरफ सरकार की इन नीतियों का लगातार विरोध हो रहा है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 25 हवाई अड्डों सहित 400 रेलवे स्टोशनों में निजी निवेश की मंजूरी देने के साथ सड़क, रेलवे, बिजली सप्लाई, नेचुरल गैस पाइपलाइन, प्रोडक्ट पाइपलाइन, एविएशन, वेयर हाउस, टेलिकॉम अर्बन रियल स्टेट समेत माइनिंग में भी निजी निवेश को मंजूरी देने की तैयारी कर ली है।
ट्वीटर यूजर सुनीता जाधव लिखती हैं, 'पाखंड भाजपा सरकार के भ्रष्टाचारों के गढ़ से ईमानदारी का उपदेश देने का दुस्साहस है। मोदीजी ने कहा: "मैं देश नहीं बिकने दूंगा" मोदी सरकार क्या बेच रही है? 8,000 कि.मी. की गेल पाइपलाइनें 4,000 किलोमीटर आईओसी और एचपीसीएल पाइपलाइन।'
कर्नाटक से राज्यसभा सांसद जीसी चंद्रशेखर लिखते हैं, 'लॉन्च की जा रही राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन में अरबों भारतीयों द्वारा निर्मित राष्ट्रीय संपत्ति की सूची है, जिसकी कीमत 6,00,000 करोड़ रुपये है, जिसे अगले 4 वर्षों में बेचा जाएगा।' #StopSellingIndia
नरसिंह शुक्ला नामक यूजर लिखते हैं, 'मोदीजी 2014 : देश को बिकने नहीं देंगे" देश विरोधी सूट बूट सरकार.. मोदी (2021) : अगले 4 साल में 60,000 करोड़ रुपए की राष्ट्रीय संपत्ति की बिक्री होगी।' #StopSellingIndia
राहुल मुखर्जी लिखते हैं, 'यदि केवल हमारे संस्थापक पिता जानते थे कि पिछले 70 वर्षों में उन्होंने जो कुछ भी बनाया है, वह कुछ चुने हुए लोगों की जेब भरने के लिए बेचा जाएगा, तो उन्होंने वास्तव में बहुत कम किया होगा।'