Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारी आशीष टेनी की जमानत रद्द करने वाली याचिका, 11 मार्च को सुनवाई

Lakhimpur Kheri Case: हाईकोर्ट के आदेश के बाद आशीष मिश्र को जमानत का आदेश 14 फरवरी को जिला जज अदालत में पेश हुआ था। इसके बाद जेल प्रशासन ने आशीष मिश्र मोनू को रिहा कर दिया था...

Update: 2022-03-04 07:38 GMT

लखीमपुर खीरी मामले में आरोपित आशीष मिश्रा

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के आरेापी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत याचिका को रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। भाजपा सरकार में मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे के खिलाफ शीर्ष कोर्ट 11 मार्च को सुनवाई करेगा।

दरअसल, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को मिली जमानत (Ashish Mishra Bail) के खिलाफ पीड़ितों के परिजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह आशीष मिश्रा की जमानत निरस्त करे।

बीते दिनों मिली थी जमानत

आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते दिनों जमानत दी थी। जमानत मंजूर होने के बाद ही मृत किसानों के परिजनों ने फैसले का विरोध किया था और इस आदेश को चुनौती देने की बात कही थी। गत वर्ष 3 अक्तूबर को लखीमपुर में तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले की एक कार चढ़ गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आया था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

SIT ने दाखिल की 5000 पन्नों की चार्जशीट

तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई हिंसा मामले में एसआईटी ने तीन महीने के अंदर सीजेएम अदालत में तीन जनवरी को 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए 13 आरोपियों को मुल्जिम बताया था। इन सभी के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, अंग भंग की धाराओं समेत आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।

BJP से केंद्रीय राज्यमंत्री हैं अजय टेनी

10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए आशीष मिश्र मोनू की जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली थी। लेकिन जमानत आदेश में धारा 302 और 120 बी का जिक्र नहीं था। लिहाजा 11 फरवरी को आशीष मिश्र के वकील ने जमानत आदेश में सुधार की अदालत में अर्जी लगाई थी, जिसके बाद 14 फरवरी को हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए जमानत आदेश में हत्या व साजिश की धाराएं जोड़ने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद आशीष मिश्र को जमानत का आदेश 14 फरवरी को जिला जज अदालत में पेश हुआ था। इसके बाद जेल प्रशासन ने आशीष मिश्र मोनू को रिहा कर दिया था।

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