Supreme Court : 'त्योहार की आड़ में दूसरों की जान से खेलने की नहीं दी जा सकती अनुमति', बैन पटाखों का इस्तेमाल हुआ तो अधिकारी होंगे जवाबदेह
Supreme Court : कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी पटाखों पर बैन नहीं है, बल्कि बेरियम साल्ट जैसे प्रतिबंधित कैमिकल वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
Supreme Court। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध पटाखों और बैन कैमिकल पटाखों (Chemical Firecrackers) पर आदेश जारी करते हुए कहा कि एजेंसियों में या तो इच्छा की कमी है या अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और एजेंसियों को ग्रीन पटाखों (Green Firecrackers) पर पहले के आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अदालती आदेशों का उल्लंघन किया तो राज्यों के मुख्य सचिव (Chief Secy) और पुलिस प्रमुख समेत शीर्ष अधिकारियों को व्यक्तिगतरूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी पटाखों (Firecrackers) पर बैन नहीं है, बल्कि बेरियम साल्ट जैसे प्रतिबंधित कैमिकल वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है। फिर भी प्रतिबंधित पटाखों का निर्माण, परिवहन, बिक्री और उपयोग किया जा रहा है। त्योहार (Festivel) की आड़ में किसी को भी उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती। त्योहार दूसरे के सवास्थ्य की कीमत पर नहीं हो सकता।
कोर्ट ने कहा कि किसी को भी दूसरों के जीवन के साथ खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के साथ। सभी राज्य व राज्य एजेंसियों का यह देखने का कर्तव्य है कि इस न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों (State Govts), राज्य एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से किसी भी चूक को बहुत गंभीरता से देखा जाएगा। यदि यह पाया जाता है कि किसी भी प्रतिबंधित पटाखों का निर्माण, बिक्री और उपयोग किसी विशेष क्षेत्र में किया गया है तो संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, संबंधित राज्य के सचिव (गृह) और पुलिस आयुक्त संबंधित क्षेत्र, संबंधित क्षेत्र के जिला पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाने के प्रभारी एसएचओ, पुलिस अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे।
कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य सरकारों को प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री और निर्माण को प्रतिबंधित करने वाले नियमों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक विज्ञापन देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले साल 2017 में आदेश में कहा था कि कम प्रदूषण फैलाने और कम आवाज वाले पटाखों की ही बिक्री की जानी चाहिए। दीपावली जैसे त्योहारों पर रात आठ से दस बजे केबीच ही अतिशबाजी होनी चाहिए। क्रिशमस, न्यू, ईयर, गुरुपर्व जैसे मौकों पर रात 11.55 बजे और 12.30 बजे तक देर के लिए अतिशबाजी की जा सकती है।
कोर्ट ने कहा था कि कम प्रदूषण फैलाने वाले ग्रीन पटाखों को ही बनाने और बेचने की अनुमति दी जाएगी। सीरीज और लड़ी वाले पटाखों को बनाने, बेचने और फोड़ने पर प्रतिबंध रहे। इनसे ज्यादा प्रदूषण और तेज आवाज के साथ-साथ ठोस अपशिष्ट भी होता है।