Delhi में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई एनवी रमण की सियासी दलों को फटकार कहा - आप लोग मुद्दे को डायवर्ट कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मकसद साफ है। दिल्ली की हवा साफ हो। सभी को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। कोई भी एजेंसी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकती।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई जारी है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने एक बार फिर सख्त रुख अपना है। उन्होंने सियासी दलों व अन्य संगठनों को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रदूषण को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। आप लोग मुद्दे को डायवर्ट न करें। हमारा मकसद है दिल्ली की हवा साफ हो। लोग सही वातावरण में सांस ले सकेंं।
दिवाली के दिन पटाखे क्यों जलें?
सीजेआई ने दिल्ली सरकार से पूछा कि प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? सफाई दिल्ली सरकार का मुद्दा है। अगर वातावरण में डस्ट है तो हमें हर बार के लिए आदेश जारी करना पड़ेगा। दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकती। शीर्ष अदालत ने पूछा है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। फिर दिवाली के दिन पटाखे क्यों जले?
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक आज केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार ने शीर्ष अदालत के समझ हलफनामा पेश किया। केंद्र सरकार ने करीब 400 पेज का हलफनामा पेश किया है। केंद्र सरकार ने करीब 400 पेज का हलफनामा पेश किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि साल भर क्या करती है सरकार।
हम किसानों को दंडित नहीं करना चाहते
इतना ही नहीं प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हम किसानों को दंडित नहीं करना चाहते है। किसानों को भी इस बात को समझने की जरूरत है। सरकारी एजेंसियां किसानों से बात करे और समस्या का समाधान निकाले। बता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेजों को आगामी आदेश तक बंद रखने का फैसला लिया है। दिल्ली में 21 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन के सभी कार्यों पर रोक दिया गया हैं साथ ही 11 थर्मल पावर प्लांटों में 6 को बंद कर दिया गया है।
21 नवंबर तक दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन
ससे पहले प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग ( CAQM ) ने बड़ा फैसला लिया है। CAQM की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक 21 नवंबर या अगले आदेश तक सभी दिल्ली एनसीआर के स्कूलों और कॉलेजों को बंद रहेंगे। इसके बाद प्रतिबंधों का क्या असर रहा, इसे लेकर 22 नवंबर को राज्यों को रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। CAQM की ओर से जारी आदेशों के बाद 21 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में 50 फीसदी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम मोड में काम करने को कहा गया है। वर्क फ्रॉम होम मोड न सिर्फ सरकारी बल्कि प्राइवेट ऑफिसेस में भी लागू होगा। गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में सारे ट्रकों की एंट्री पर 21 नवंबर तक रोक लगा दी गई है। इसमें सिर्फ जरूरी सामानों को ढोने वाले ट्रकों को ही छूट दी गई है। डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी।