सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से किया इनकार, याचिकर्ता को भरना होगा जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में दखल का कोई कारण नहीं बनता। दरअसल, अन्या मल्होत्रा व सोहेल हाशमी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी....

Update: 2021-06-29 07:34 GMT

(हाईकोर्ट ने न सिर्फ याचिका खारिज की थी बल्कि दोनों याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी किया था।)

जनज्वार डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया जिसमें महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका दायर करने वालों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर सहमति जताई कि याचिकाकर्ता ने चुनिंदा तरीके से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुना था और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के बारे में भी शोध नहीं किया था,  जिन्हें लॉकडाउन के दौरान अनुमति दी गई थी।

पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में दखल का कोई कारण नहीं बनता। दरअसल, अन्या मल्होत्रा व सोहेल हाशमी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने न सिर्फ याचिका खारिज की थी बल्कि दोनों याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी किया था। 

अनुवादक अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार व वृत्तचित्र फिल्म निर्माता सोहेल हाशमी ने दिल्ली हाईकोर्ट के 31 मई के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।

उन्होंने दावा किया था कि हाईकोर्ट ने याचिका को बिना किसी जांच के 'फेस वैल्यू' के आधार पर खारिज कर दिया गया। उनका कहना था कि उनकी याचिका पूरी तरह से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित थी क्योंकि कोविड की भयावह दूसरी लहर ने दिल्ली शहर को तबाह कर दिया था और यहां की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को उजागर कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर हमला मान लिया। 

Tags:    

Similar News