टीवी सीरियल 'बालिका वधू' की कड़क दादी सुरेखा सीकरी का निधन, 75 की उम्र में दुनिया को किया अलविदा

सुरेखा सीकरी उन कलाकारों में से एक थीं, जिन्होंने अपनी कला के दम पर अपना मुकाम हासिल किया। 70 के दशक से लेकर 80 के दशक तक एक्ट्रेस ने कई दिग्गज लोगों संग काम किया और अपने शानदार काम से कई पुरस्कार भी अपने नाम किए...

Update: 2021-07-16 05:26 GMT

(दिल्ली में जन्मीं सुरेखा ने सीरियल से लेकर फिल्मों तक कई यादगार भूमिकाएं निभाईं थीं)

जनज्वार ब्यूरो। टीवी धारावाहिक 'बालिक वधू' फेम एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी का 75 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया है। सैकड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाली सुरेखा आज हमेशा के लिए फिल्मी दुनिया को अलविदा कह गईं। सुरेखा के निधन से आज एक बार फिर बॉलीवुड शोक में डूब गया।

सुरेखा सीकरी उन कलाकारों में से एक थीं, जिन्होंने अपनी कला के दम पर अपना मुकाम हासिल किया। 70 के दशक से लेकर 80 के दशक तक एक्ट्रेस ने कई दिग्गज लोगों संग काम किया और अपने शानदार काम से कई पुरस्कार भी अपने नाम किए।

दिल्ली में 19 अप्रैल 1945 को जन्मीं सुरेखा सीकरी अमरोहा और नैनीताल में पली बढ़ीं। बचपन से उनका सपना था कि वह बड़े होकर एक पत्रकार बनना चाहती हैं, लेकिन शायद सुरेखा की किस्मत कुछ और चाहती थी। साल 1978 में सुरेखा ने फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' से बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने कई उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों में 1986 में आई 'तमस', 1991 में 'नजर', 1996 में 'सरदारी बेगम', 1999 में 'सरफरोश', साल 2004 में आई फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' शामिल हैं।

साल 2018 में रिलीज हुई कॉमेडी फिल्म 'बधाई हो' में उन्होंने आयुष्मान की दादी दुर्गा देवी कौशिक का किरदार निभाया था। इस रोल के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।

सिनेमाजगत में लगभग 50 साल तक काम करने के बाद सुरेखा ने टीवी पर डेब्यू किया। अपनी पहली टीवी सीरियल 'बालिक वधू' में सुरेखा एक सख्त सास के रूप में नज़र आईं। झूले पर बैठे हुए सुरेखा के कड़क डायलॉग लोगों के दिलों में जा बसे और रातोंरात वह हर घर में मशहूर हो गईं।

बालिका वधू' के अलावा शो 'एक था राजा एक थी रानी', 'परदेस में है मेरा दिल' में कड़क सास का रोल प्ले किया। सुरेखा को लेकर ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने टीवी के लगभग सभी सीरियलों में दादी या बड़ी मां के किरदार में अपने अभिनय का एक अनोखा ही रुप दिखाया।

आज भले ही सुरेखा अपने फैमिली, दोस्त और फैंस को अकेला छोड़ गई लेकिन वह हमेशा दादी सा के रूप में याद की जाएंगी। पर्दे पर सुरेखा सास बनकर अगर अपना तेवर दिखाती थीं तो वहीं चुलबुली दादी बनकर दर्शकों के दिलों पर राज करती थीं।

अपने करियर में इतनी हिट फिल्में और सीरियल दे चुकीं सुरेखा सिकरी एक वक्त पर आर्थिक तंगी से गुजर रही थीं। इसी बीच उन्हें अचानक ब्रेन स्ट्रोक हो गया था। पैसों की कमी के कारण उनके इलाज में भी दिक्कत आने लगी थी। उन्हे ऐसा स्ट्रोक फिल्म बधाई हो की रिलीज के दौरान भी पड़ा था। इससे उन्हें आंशिक रुप से लकवा भी मार गया था। इसके बाद से उनकी देखभाल के लिए एक नर्स हमेशा उनके साथ रहती थी।

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