शाहरुख के नाम पर सुरेश चव्हाणके ने मुसलमानों को बनाया निशाना, जानिए #Suresh_Chavhanke_expose_SRK ट्रेंड करने के पीछे की सच्चाई

सुरेश चव्हाणके को जब लगा कि सिर्फ भाषा के विरुद्ध बोलने से टीआरपी नहीं मिलने वाला तो उन्होंने फेमस होने के लिए बॉलिवुड अभिनेता शाहरुख खान और उनके फिल्मों को इस विवाद में घसीट लिया...

Update: 2021-09-21 09:48 GMT

जनज्वार। हिन्दू-मुसलमान में नफरत फैलाकर अपने मतलब की टोपी चमकाने वालो की भी इस देश में कोई कमी नहीं है। सभी धर्म-समुदाय में आपको ऐसे लोग जरूर मिलेंगे जो खुद को अपने धर्म का सबसे बड़ा रक्षक बताते हैं और ऐसे लोगों के मन में दूसरे समुदाय के प्रति सिर्फ नफरत और घृणा होती है। आप सोच रहे होंगे की हम धर्म और हिन्दू-मुस्लिम की बात आखिर क्यों कर रहें है।

दरअसल, पिछले 3-4 दिनों से ट्विटर पर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है और इसके सर्जक कोई और नहीं बल्कि खुद को देशभक्त और हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा रक्षक मानने वाले सुदर्शन न्यूज चैनल के अध्यक्ष सुरेश चव्हाणके हैं। सुरेश चव्हाणके ने ट्विटर के जरिए एक विशेष समुदाय और उससे जुड़े भाषा पर प्रहार किया। चव्हाणके ने हिंदी में उर्दू भाषा के अतिक्रमण की बात की। फिर सुरेश चव्हाणके ने इस भाषा विवाद में शाहरुख खान और जावेद अख्तर को भी घसीट लिया और उनके समर्थकों को भाड़े का टट्टू कह दिया। इसके साथ ही हिन्दी में उर्दू की घूसपैठ को सुरेश चव्हाणके ने भाषा जिहाद को नाम दे दिया।

सुरेश चव्हाणके को जब लगा कि सिर्फ भाषा के विरुद्ध बोलने से टीआरपी नहीं मिलने वाला तो उन्होंने फेमस होने के लिए बॉलिवुड अभिनेता शाहरुख खान और उनके फिल्मों को इस विवाद में घसीट लिया और फिर कोरोना काल में घर पर बैठे बेरोजगारों को भी काम मिल गया और वे भी सुरेश चव्हाणके के बेबुनियादी विवाद में भाग लेने आ गए।

सुरेश चव्हाणके और उनके समर्थकों द्वारा ट्रोल किए जाने के बाद बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख खान के फैन्स भी पीछे नहीं रहे और इस तरह ट्विटर पर दोनों पक्षों में संग्राम छिड़ गया। देखते ही देखते ट्विटर पर #Suresh_Chavhanke_expose_SRK और #boycottShahrukhKhan जैसे हैसटैग ट्रेंड करने लगा। ट्विटर पर शाहरुख के फैन्स द्वारा बुरी तरह ट्रॉल होने के बाद सुरेश चव्हाणके ने इस मुद्दे को अपने चैनल तक पहुंचा दिया। सुदर्शन न्यूज चैनल पर शाहरुख खान के विरोध में प्राइम टाइम में डीबेट किया गया जिसमें शाहरुख खान को पाकिस्तानी तक कहा गया। सुदर्शन टीवी के इस डीबेट शो में कहा गया कि शाहरुख खान अपने फिल्मों में खुद को बताते हैं कि वे खान हैं पर टेररिस्ट नहीं, लेकिन असल जिंदगी में वे आतंकवाद का आरोप झेल रहे टोनी अशाई के साथ फोटो खिंचवाते हैं। शाहरुख खान भारत में रहकर पैसा कमाते हैं लेकिन वे दुबई जाकर आतंकवादी को अपना बिजनेस पार्टनर बनाते हैं। डीबेट के दौरान सुदर्शन टीवी के एंकर ने तो यह भी कह दिया कि ऐसा क्यों होता हैं पकड़े जाने वाला हर आतंकवादी मुसलमान होता है।

आपको बताएं कि शाहरुख खान की नई फिल्म 'पठान' रिलीज होने वाली है और इस पुरे विवाद के साथ ही ट्विटर पर बॉयकॉट शाहरुख ट्रेंड करने लगा है। ट्वीटर पर लोग शाहरुख खान को पाकिस्तानी और देशद्रोही कह रहे हैं। ट्रॉलर्स द्वारा शाहरुख खान के पुराने वीडियो एडिट करके धरल्ले से शेयर भी किए जा रहे हैं।

खुद को हिन्दू धर्म के रक्षक कहने वाले सुरेश चव्हाणके के ट्वीट के बाद इनके समर्थक भी भेड़चाल का हिस्सा बन गए और शाहरुख के फिल्मों का बॉयकॉट करने का मुहिम चला दिया। ट्वीटर पर शाहरुख खान के पुराने वीडियो वायरल होने लगे जिसमें वे भारत को असहिष्णुता वाला देश बताते नजर आ रहे हैं। ऐसे ही एक वीडियो में शाहरुख खान पाकिस्तानी क्रिकेटरों की तारीफ करते हुए उन्हें टी-20 के लिहाज से अच्छा प्लेयर बता रहें है। ऐसे कई पुराने क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

अपको बता दें कि शाहरुक खान की नई फिल्म जिसका नाम फिलहाल 'पठान' जा रहा है, की शूटिंग चल रही है। इस फिल्म में शाहरुख खान के साथ दीपिका पादुकोण भी नजर आएंगी। फिल्म में जॉन अब्राहम और डिंपल कपाड़िया भी अभिनय करते नजर आएंगे। लेकिन फिल्म रिलीज से पहले ही अपने टाइटल को लेकर विवादों से घिर गया है। लेकिन, सोर्स की मानें तो फिल्म का टाइटल अभी तय नहीं कहा जा सकता।

लेकिन जब भी तीनों खानों में से किसी की कोई फिल्म आने वाली रहती है, तो अक्सर देखा जाता है कि कभी फिल्म के कहानी को लेकर या टाइटल को लेकर विवाद छिड़ ही जाता है। खुद को देशभक्त बताने वाले लोग सड़क पर फिल्मों के पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्श करना शुरू कर देते हैं। समय-समय पर अभिनेताओं के 'खान' टाइटल पर भी संग्राम छिड़ जाता है और अगर किसी भारतीय खान एक्टर ने अन्य इस्लामिक देश की तारीफ कर दी तो समझिए कि इनपर देशद्रोह के दो-चार मुकदमें लगने तो तय है। इस तरह से हिन्दू-मुस्लिम करके धर्म के ठेकेदार अपना फायदा तो निकाल लेते हैं लेकिन नफरत फैला कर इसका दुष्प्रभाव प्रभाव दो समुदाय के लोगों को झेलना पड़ता है।

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