यूपी में टीम-9 योगी नहीं बल्कि योगी को चलाती है ये टीम, एके शर्मा को दिया जा सकता है गृह विभाग

चुनाव से पहले इमेज के नुकसान से बचने के लिए टीम-9 से चर्चा के बाद प्रदेश में एस्मा लागू किया गया है। सूबे में योगी आदित्यनाथ सरकार की एक बड़ी कमजोरी यह है कि उनपर अफसरशाही हावी है...

Update: 2021-05-27 13:16 GMT

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डैमेज कंट्रोल शुरू हो चुका है। भाजपा 2022 में किसी भी सूरत में यूपी गंवाना नहीं चाहेगी। जिसके लिए सभी दांव-पेंच चले जाने शुरू हो गए हैं। ऐसे समय योगी आदित्यनाथ की तरफ से सूबे में अगले 6 महीने तक एस्मा लगाने का जारी हुआ आदेश अकेले योगी रिलीज नहीं कर सकते, यह भी उनकी टीम-9 की देन है।

विधानसभा चुनाव 2022 की अधिघोषणा फरवरी अथवा मार्च के पहले सप्ताह में जारी की जा सकती है, तब 9 या 10 महीने के समय मे 6 महीने का एस्मा लगा देना सूबे की भाजपा सरकार के डर को बाहर लाता है। सूबे में एस्मा लगाने के पीछे योगी महाराज का अपनी इमेज को चमकाए रखने के तौर पर देखा जा रहा है। चुनाव नजदीक हैं, विपक्ष प्रदर्शन या विरोध करने का प्रयास करेगा जिससे योगी सरकार की इमेज को आखिर समय नुकसान हो सकता है।

चुनाव से पहले इसी नुकसान से बचने के लिए टीम-9 से चर्चा के बाद प्रदेश में एस्मा लागू किया गया है। सूबे में योगी आदित्यनाथ सरकार की एक बड़ी कमजोरी यह है कि उनपर अफसरशाही हावी है। योगी सीएम होकर भी अफ़सरराज को अपने कंट्रोल में नहीं कर सके हैं। जिसका खामियाजा समय-समय पर राज्य की जनता को भुगतना पड़ा है, अभी आगे भी भुगतना पड़ेगा। इसलिये अब मोदी के खासमखास शर्मा को प्रशासनिक कमान सौंपे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ एके शर्मा के बेहद खास माने जाने वाले आशीष रॉय कौशिक ने 'जनज्वार' से बात करते हुए बताया कि राज्य की मौजूदा सरकार से भूमिहार एकदम छिटक गया है। कुछ जगहों पर ब्राह्मण भी टूट रहा है। इस सबमे बड़ी बात योगी की टीम-11 और अब टीम-9 हो गई। ऐसा लगता है योगी की टीम नहीं बल्कि टीम के योगी हैं, दूसरी लहर की शुरुआत में दो जिले सबसे पहले और अधिक प्रभावित रहे। पहला बनारस दूसरा लखनऊ।

शर्मा जी को बनारस की कमान दी गई, इतनी तेजी से वहां कंट्रोल किया गया जिसकी तारीफ दिल्ली से हुई थी। अब आइए भूमिका की बात पर तो एके शर्मा के कामों को देखते हुए उन्हें गृह मंत्रालय से संबंधित कोई रोल सौंपा जा सकता है। अभी तक गृह मंत्रालय की कमान खुद योगी संभाल रहे हैं। जिसका नतीजा सब देख ही रहे हैं।

कौशिक 'जनज्वार' को बताते हैं कि शर्मा जी को दिल्ली से यूपी भेजे जाने के बाद सूबे के कई अफसर उनसे व्यक्तिगत तौर पर भेंट कर चुके हैं, जिसकी रिपोर्ट आलाकमान के पास जा रही है। शर्मा को गृह विभाग देकर अफ़सरराज की चूड़ियां टाइट की जा सकती हैं। शर्मा खुद भी काम करने वाले नौकरशाह रहे हैं, काम को महत्व देते हैं, काम कैसे निकलवाना है उन्हें पता है। जिसके बाद यह एक उचित कदम उठाया जा सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे ने 'जनज्वार' को यहां तक बताया कि शर्मा की शपथ तय है। उन्होंने हमसे शपथ दिलाये जाने वाले नारे को बोलते हुए कहा 'मैं एके शर्मा ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ लेता हूँ, कि गृह मंत्रालय....आगे सुशील कहते हैं यह बहुत जरूरी है। क्योंकि इस कदम से यूपी की अफसरशाही पर लगाम लगेगी जो बहुत जरूरी है।

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