Teesta Setalvad : कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़, गुजरात दंगों से क्या है इनका कनेक्शन?

Teesta Setalvad : गुजरात दंगा पर सुप्रीम कोर्ट का कमेंट आने के बाद अहमदाबाद एटीएस ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया। गुजरात एटीएस ने तीस्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में ये एक्शन लिया है।

Update: 2022-06-26 02:08 GMT

Gujarat Riots 2002 : तीस्ता सीतलवाड़ को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

Teesta Setalvad : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) से जकिया जाफरी की याचिका खारिज होने के बाद गुजरात एटीएस ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ( Teesta Setalvad ) को 25 जून को गिरफ्तार कर लिया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में तीस्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर यह एक्शन लिया। उसके बाद से तीस्ता सीतलवाड़ ( teesta setalvad ) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद लोग ये जनना चाहते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ कौन हैं और आखिर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्या कह दिया कि उनकी गिरफ्तारी हो गई?

कौन हैं सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ( teesta Setalvad ) सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) नाम के एक NGO की सचिव हैं। यह संगठन 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक दंगे ( Communal Riots ) के पीड़ितों के लिए न्याय लड़ने के लिए स्थापित किया गया था। 9 फरवरी को महाराष्ट्र के मुंबई में जन्मी तीस्ता की पढ़ाई मुंबई में ही हुई। उनके पिता अतुल सीतलवाड़ पेशे से वकील थे। तीस्ता के दादा एमसी सीतलवाड़ भारत के पहले अटॉर्नी जनरल रहे। सीतलवाड़ के पति आनंद भी पत्रकार रहे हैं। तीस्ता को 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। इससे पहले उन्हें साल 2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार, 2000 में प्रिंस कलॉस अवॉर्ड और 2003 में नूर्नबर्ग अतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पुरस्कार भी मिल चुका है।

तीस्ता गुजरात दंगे को लेकर कोर्ट में डाली गई याचिका में CJP एक सह-याचिकाकर्ता हैं जो नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और 62 अन्य सरकारी अधिकारियों के 2002 के गुजरात दंगों ( Gujrat Riots ) में उनकी सहभागिता के लिए आपराधिक मुकदमा की मांग कर चुकी हैं। गुजरात दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए वह करीब दो दशक से सक्रिय हैं।

गुजरात दंगों को लेकर सुप्रीम ने क्या कह दिया

2002 के गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी में पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) समेत 55 राजनेताओं और अधिकारियों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी ने याचिका दायर की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने कहा कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कानून का दुरपयोग करना ठीक नहीं। शीर्ष अदालत ने एसआईटी जांच की तारीफ की और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जितने लोग कानून का खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ ( Teesta Setalvad ) का नाम भी लिया और कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ और जांच की जरूरत है। को-पेटिशनर सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया।  

दो दशक पहले गुजरात में क्या हुआ था?

Gujrat Riots : बता दें कि गुजरात के गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के S-6 डिब्बे में आग लगा दी गई थी। इस घटना में 59 लोग मारे गए थे। ये लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इस घटना में बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा की घटना हुई थी। इन दंगों में 1044 लोग मारे गए थे। घटना के समय गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी थे। गोधरा कांड के अगले दिन यानी 28 फरवरी को अहमदाबाद की गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में बेकाबू भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी। मरने वालों में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे, जो इसी सोसायटी में रहते थे। दंगों की वजह से राज्य में हालात इतने बिगड़ गए कि तीसरे दिन सेना उतारनी पड़ी थी।

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