यूपी भाजपा में तनातनी ने पकड़ी तेजी, शर्मा की राह में रोड़ा बने योगी को कैसे पचाएंगे मोदी?
मुख्यमंत्री योगी का मानना है अगर गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग शर्मा को दिया जाएगा तो लोगों के बीच यह संदेश जाएगा कि मौजूदा सरकार कोरोना और कानून-व्यवस्था को संभालने में असफल रही है, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी छवि कतई खराब नहीं होने देना चाहेंगे...
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में इस समय का सबसे चर्चित नाम एके शर्मा है। गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस भाजपा एमएलसी एके शर्मा के योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। शर्मा वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल होने के दिन से आज तक चर्चा में हैं।
एके शर्मा की ताकत, उनकी पहुंच प्रधानमंत्री मोदी से करीबी और अब वाराणसी में उनके द्वारा किए गए कोविड प्रबंधन की चर्चा लगातार सुर्खियों में है। इन्हीं चीजों को आधार बनाकर कभी उनके डिप्टी सीएम बनने तो कभी कैबिनेट मंत्री के रूप में विशेष ताकत दिए जाने की बात कही जा रही है।
पीएम मोदी के विश्वासपात्र एके शर्मा के बारे में सत्ता के गलियारे से अब एक नई सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। बताया जा रहा है कि शर्मा की सरकार में एंट्री को लेकर योगी आदित्यनाथ सबसे बड़ी रुकावट बन गये हैं। बीजेपी का एक धड़ा दावा करता है कि अगर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो एके शर्मा को कैबिनेट मंत्री जरूर बनाया जाएगा। उन्हें गृह, स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा और एमएसएमई जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं।
वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल अभी अगले 15 दिनों तक विस्तार की कोई बात ही नहीं है। यदि विस्तार होता है तो एके शर्मा उसमें शामिल किए जाएंगे। रही बात विभाग की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात से कतई सहमत नहीं हैं कि शर्मा को गृह विभाग या स्वास्थ्य विभाग दिया जाए।
इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी का मानना है अगर गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग शर्मा को दिया जाएगा तो लोगों के बीच यह संदेश जाएगा कि मौजूदा सरकार कोरोना और कानून-व्यवस्था को संभालने में असफल रही है, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी छवि कतई खराब नहीं होने देना चाहेंगे।
योगी कैंप के लोगों का कहना है कि इस सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है। जिसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही जाता है। दूसरी बड़ी उपलब्धि मुख्यमंत्री का कोविड प्रबंधन रहा है। पहली लहर में प्रदेश में बहुत बेहतर ढंग से काम हुआ। दूसरी लहर आने पर शुरुआती दिनों में थोड़ी अव्यवस्थाएं रहीं लेकिन मुख्यमंत्री के कठिन परिश्रम की वजह से वह सारी चीजें ठीक हुईं।
मौजूदा समय सरकार का दावा भी है कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की रणनीति पर काम करते हुए कोरोना संक्रमण को रोकने में सरकार को सफलता मिली है। ऐसे में अगर गृह और स्वास्थ्य विभाग एके शर्मा को दिया जाएगा तो लोग इसे योगी की असफलताओं के रूप में देखेंगे। विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाएगा। यदि विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया तो भारतीय जनता पार्टी को 2022 के चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दूसरी तरफ सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा के अंदर चल रहे घमासान मे संघ को भी बीच में आना पड़ रहा है। सीएम योगी भी बग़ावत के तेवर दिखा रहे हैं। उधर मोदी भी अपने सबसे ख़ास अफ़सर एके शर्मा की इस तरह उपेक्षा को सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे मे संघी नेता सीएम और पीएम मे किसका साथ देंगे, यह बड़ा सवाल है।