महंत आदित्यनाथ की यूपी सरकार पर हाईकोर्ट की दोटूक 'प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे'

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा व जस्टिस अजीत कुमार ने कहा कि 'जब मेरठ जैसे शहर के मेडिकल कालेज में इलाज के ऐसे हालात हैं, तो यूपी के छोटे शहरों और गांवों की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए लोकप्रिय हिंदी कहावत 'रामभरोसे' ही इस्तेमाल की जा सकती है..

Update: 2021-05-18 02:53 GMT

कितना सक्षम महंत जी का नेतृत्व : यूपी में हाईकोर्ट का योगी सरकार पर लगातार तीखे सवाल, गंभीर आरोप

जनज्वार, लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार पर बेहद तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने शहरों, कस्बों सहित ग्रामीण इलाकों तेजी से बढ़ते संक्रमण तथा मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यहां की स्वास्थ व्यवस्था रामभरोसे चल रही है। 

हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी मेरठ के मेडिकल कालेज से एक संक्रमित व्यक्ति के गायब हो जाने के मामले में सुनवाई करते हुए की है। साथ ही कोर्ट ने सरकार को चार माह का समय दिया है कि वह प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकीय ढ़ांचा सुधारने और पांच मेडिकल कालेजों को एसजीपीजीआई स्तर का संस्थान बनाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश भी दिया है। 

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा व जस्टिस अजीत कुमार ने कहा कि 'जब मेरठ जैसे शहर के मेडिकल कालेज में इलाज के ऐसे हालात हैं, तो यूपी के छोटे शहरों और गांवों की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए लोकप्रिय हिंदी कहावत 'रामभरोसे' ही इस्तेमाल की जा सकती है।'

सूबे में कोरोना मरीजों के इलाज के खराब हालात का संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही हाईकोर्ट ने कहा कि 'वर्तमान में प्रदेश में चिकित्सा सुविधा बेहद नाजुक और कमजोर है। यह आम हालातों में भी जनता की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। महामारी के दौर में इसका चरमरा जाना स्वाभाविक है।' 

इसके साथ ही कोर्ट ने सभी को टीका लगाने और धार्मिक संस्थाओं की बजाए टीकाकरण के लिए दान देने पर जोर दिया है। अदालत ने टीका खरीद के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेंडर पर सुझाव भी दिया कहा कि जो लोग वंचितों के लिए टीका खरीदना चाहें, उन्हें टैक्स में छूट दी जा सकती है। 

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