हरियाणा की किसान महापंचायत में गरजे टिकैत-सरकार नहीं मानी तो 44 लाख ट्रैक्टरों के साथ करेंगे मार्च
हरियाणा के जींद में किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हिस्सा लेने पहुंचे हैं, यहां टिकैत का हजारों की संख्या में लोगों ने स्वागत किया..
जनज्वार। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 70 दिनों से किसान जमे हुए हैं। इनका नेतृत्व करने वाले कृषि संगठनों ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की है। हालांकि, अबतक हुई वार्ताओं से स्पष्ट हुआ है कि केंद्र सरकार कानूनों पर चर्चा और बदलाव को लेकर तो तैयार है, पर इन्हें वापस लेने से साफ इनकार कर रही है।
आज हरियाणा के जींद में किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हिस्सा लेने पहुंचे हैं। यहां टिकैत का हजारों की संख्या में लोगों ने स्वागत किया। इस मौके पर टिकैत ने हाथ जोड़कर समर्थकों का अभिवादन किया।
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद ही गाजीपुर बॉर्डर पर फिर से किसानों की भीड़ जुटना शुरू हुई है। इसी के मद्देनजर पहले मुजफ्फरपुर और फिर बागपत में जाटों की महापंचायत का आयोजन किया गया था।
पिछली दोनों महापंचायतों में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। इनमें कृषि कानूनों के खिलाफ आगे की तैयारी पर चर्चा हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा के जींद में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के पास अक्टूबर तक का वक्त है। अगर सरकार नहीं मानी तो हम 44 लाख टैक्टर के साथ मार्च करेंगे।
महापंचायत में भाग लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे हुए हैं। चढूनी को हरियाणा में किसान आंदोलन को व्यापक तौर पर फैलाने के लिए जाना जाता है।
बता दें कि हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव के स्टेडियम में आज किसानों की प्रदेश स्तरीय महापंचायत हो रही है। इस महापंचायत में जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह व प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सहित प्रदेश भर के किसान भाग ले रहे हैं।
इस किसान महापंचायत का आयोजन कंडेला खाप की ओर से किया जा रहा है और खाप प्रधान टेकराम कंडेला सहित दर्जनों खाप पंचायतों के प्रधान भी इसमें शामिल हैं।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में खाप पंचायतों का समर्थन भारतीय किसान यूनियन को मिल रहा है। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने बताया है कि भाकियू की ओर से पंचकूला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद, सिरसा, करनाल, पानीपत, भिवानी, सोनीपत, झज्जर, दादरी सहित कई जिलों के किसानों को इस महापंचायत में आमंत्रित किया गया है।