भारत में नया तालिबान: मुसलमानों पर आर्थिक पाबंदी की शुरुआत

मथुरा में एक डोसा विक्रेता पर हिंदुत्ववादी समूह के कार्यकर्ताओं ने इसलिए हमला कर दिया क्योंकि उसने अपनी दुकान का नाम 'श्रीनाथ डोसा कॉर्नर' रखा था....

Update: 2021-08-28 13:32 GMT

जनज्वार। देश के मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने वाले नरसिंहानंद अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके चेले-चपाटे भी इस काम में अब तेजी से जुट गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता और उसकी विचारधारा की आलोचना करने वाले भारत के हिंदुत्ववादी उसके ही नक्शेकदम पर चलने लगे हैं। हाल ही में एक नया सिलसिला चल पड़ा है, दुकानदारों से उनका नाम पूछा जा रहा है, उनके आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं। इसमें जो अपना नाम बदलकर अपनी दुकान चला रहा है उनकी पिटाई की जा रही है। मध्यदेश में पहले फेरी लगाकर चूड़ी बेचने वाले की पिटाई और फिर देवास में टोस्ट बेचने वाले मुसलमान की पिटाई की गई।

वहीं दूसरी ओर हिंदुत्ववादी समूहों से जुड़े लोग देश के कानून-संविधान के खिलाफ जाकर सरेआम मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार की बात कह रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि फिर भी पुलिस आरोपियों को अज्ञात बताकर अपना पल्ला झाड़ रही है। मथुरा से आए ताजा मामले में हिंदुत्ववादी ताकतों ने एक डोसा बेचने वाले मुस्लिम पर इसलिए हमला कर दिया क्योंकि उसने अपनी दुकान का नाम 'श्रीनाथ डोसा कॉर्नर' रखा हुआ था। 

फिल्म मेकर व पत्रकार विनोद कापरी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- "जबर्दस्ती जय श्री राम बुलवाने वालों को अब दिक्कत ये है कि कासिम ने "श्रीनाथ" के नाम से डोसा की दुकान कैसे खोल ली ? ढोंग और नफरत की भी हद होती है। यूपी के मथुरा के विकास मार्केट की शर्मनाक घटना। नरेंद्र मोदी ये सब शर्मसार करने वाली घटनाएं आपके नाम ही दर्ज हो रही हैं।"

वहीं मथुरा पुलिस की ओर से एक बयान में कहा गया, "अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा आपत्तिजनकर शब्दों को उपयोग किया गया। इसकी सूचना प्राप्त होने पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। संबंधित दुकान के मालिक एवं वहां कार्य करने वाले सभी कर्मियों से पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा पूछताछ की जा रही है। इसको लेकर अभीतक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित अज्ञात व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।" 

मथुरा पुलिस के इस बयान पर विनोद कापरी एक स्क्रीनशॉट ट्वीट किया और लिखा- प्रिय मथुरा पुलिस, अगर आपको "अज्ञात व्यक्तियों " को ढूँढने में दिक्कत हो रही हो तो ये आपकी सेवा में।

कवि व लेखक कौशिक राज ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है और लिखा है - "मथुरा के विकास बाजार में दक्षिणपंथी अतिवादियों की भीड़ ने एक मुस्लिम डोसा विक्रेता पर हमला कर दिया। यह पता चला है कि जिस व्यक्ति ने हमले का नेतृत्व किया और अपने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट किया, वह यति नरसिंहानंद का शिष्य देवराज पंडित है।

कौशिक राज ने अगले ट्वीट में लिखा- "जैसा गुरु वैसा चेला: यति नरसिंहानंद सरस्वती ने पहले मुस्लिम प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ नफरत फैलाई थी। मुस्लिम डोसा वेंडर पर उनके एक शिष्य द्वारा किया गया यह हमला साबित करता है कि हिंसा की शुरुआत अभद्र भाषा से होती है।"

कौशिक राज ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- "गुरु: खुलेआम कई बार मुसलमानों के खिलाफ, खासकर मुस्लिम मजदूर वर्ग के खिलाफ, खुलेआम नफरत फैलाते हैं। चेला: अपने गुरु के शब्दों से प्रेरित होकर, एक मुसलमान के डोसा स्टॉल में तोड़फोड़ करता है। इसलिए यति नरसिंहानंद सरस्वती की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।''

कौशिक राज लिखते हैं- "यह पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद ने ऐसा कुछ कहा है। मुस्लिम मजदूर वर्ग के खिलाफ नफरत भड़काने का उनका इतिहास रहा है। अब समय आ गया है कि हम समझें कि उनके शब्दों के परिणाम होते हैं।"

वहीं रिटायर्ड आईपीएस डॉ. एन.सी. अस्थाना ने अपने ट्वीट में लिखा कि यह सबसे हाशिए पर पड़े लोगों को न केवल अपंग करने के बारे में नहीं है। बल्कि इस ग्रैंड डिजाइन का मकसद समुदाय को इतना दर्द और अपमान देना है कि वे एक निचला दर्जा स्वीकार करने लगें। लक्ष्य केवल कुछ गरीबों की आजीविका नहीं है; यह संदेश लाखों लोगों के लिए है।

पत्रकार अलीशान जाफरी ने भी इस संबंध में ट्वीट किया - "गरीब और हाशिए के मजदूर वर्ग के मुसलमानों पर ये हमले एक संगठित आर्थिक बहिष्कार अभियान का एक हिस्सा है। जंतर-मंतर पर अभद्र भाषा मामले में जेल में बंद नरसिंहानंद के शिष्य और हिंदू सेना के नेता सुशील तिवारी की यह पोस्ट पढ़ें।



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