प्रधानमंत्री कार्यालय 12वीं बोर्ड परीक्षा पर लेगा निर्णय, शिक्षा मंत्रालय ने 3 प्रस्ताव तैयार कर भेजे
छात्रों की तरफ से परीक्षा को रद्द करने की मांग लगातार जारी है। इस मामले में 12वीं के 531 छात्रों ने पीआईएल के साथ एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है। छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूथ बार एसोसिएशन ने हस्तक्षेप याचिका में बोर्ड के ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के फैसले का विरोध करते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है।
जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। सीबीएसई 12 वीं बोर्ड की परीक्षा पर अभी निर्णय नहीं लिया जा सका है। कल 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली वकील ममता शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। केंद्र सरकार परीक्षाओं पर अब तक कोई निर्णय नही ले सकी है। इसलिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में 2 दिन का वक्त और मांगा है। सरकार की तरफ से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार 2 दिन में तय कर लेगी कि सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा होगी या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कल कहा है कि अगर आप परीक्षाओं के आयोजन की नीति बना रहे हैं तो इसके लिए आपको मजबूत दलील देनी होगी।
अब सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाओं को रद्द करने को लेकर अगली सुनवाई 3 मई को होगी। भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार 24 जुलाई से 15 अगस्त के बीच परीक्षा कराने की योजना बना रही है। राज्यों के सुझावों और विचार-विमर्श के बाद 12 वीं बोर्ड परीक्षा के लिए तीन प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। हालांकि यही तीन ही फाइनल नही हैं।अन्य तरीके भी तलाशे जा सकते हैं। परीक्षाओं का मामला अब प्रधानमंत्री कार्यालय पर निर्भर है। प्रधानमंत्री कार्यालय जो भी निर्णय लेगा उसी हिसाब से परीक्षा आयोजित की जाएगी अथवा नहीं की जाएगी।
क्या हैं ये तीन प्रस्ताव
1- पहले प्रस्ताव के अनुसार 12 वीं के मुख्य विषयों यानी मेजर विषयों का एग्जाम लिया जा सकता है। साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के केवल 3 मुख्य विषयों की परीक्षा लेने के बाद अन्य विषयों में मुख्य विषयों पर मिले नंबर के आधार पर मार्किंग की जायेगी।
2- दूसरे प्रस्ताव के अनुसार 30 मिनट की परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव सवाल ही पूछे जाएंगे। परीक्षा सभी विषयों नहीं बल्कि कुछ मुख्य विषयों की ली जाएगी।
3- तीसरे प्रस्ताव के अनुसार कोरोना संक्रमण की स्थिति अगर ठीक नहीं होती है तब 9वीं, 10वीं और 11वीं तीनों का इंटरनल एसेसमेंट किया जाएगा। इसके फॉर्मूले के आधार पर ही 12वीं के छात्रों का रिजल्ट जारी किया जायेगा।
छात्र व अभिभावक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं-
छात्रों की तरफ से परीक्षा को रद्द करने की मांग लगातार जारी है। इस मामले में 12वीं के 531 छात्रों ने पीआईएल के साथ एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है। छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूथ बार एसोसिएशन ने हस्तक्षेप याचिका में बोर्ड के ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के फैसले का विरोध करते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है।
सोशल मीडिया पर भी लगातार छात्र व अभिभावक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर भी संभावित है। छात्रों के अनुसार इस समय परीक्षा आयोजित करने से छात्रों में कोरोना संक्रमण का खतरा है। इसके साथ ही छात्र लगातार दलील दे रहा है कि वे इस समय परीक्षा देने के लिए उचित मानसिक स्थिति में नहीं है।