अतिक्रमण हटाने की मुखालफत करने वालों को उत्तराखण्ड में होगी 10 साल तक की जेल, सीएम धामी ने दी इस अध्यादेश को मंजूरी

उत्तराखंड में आजादी के 75 वर्ष बाद भी लाखों लोगों को जमीनों पर मालिकाना हक नहीं मिला है, सरकार के इस अध्यादेश के बाद उत्तराखंड के बहुलांश नागरिक अपराधी की श्रेणी में धकेल दिए जाएंगे....

Update: 2023-07-10 13:23 GMT

Dehradun news : 3 दिन पूर्व 7 जुलाई को उत्तराखंड भाजपा सरकार की कैबिनेट ने 'उत्तराखंड भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश' 2023 लाने की घोषणा की है। इस अध्यादेश के आने के बाद जो भी व्यक्ति उत्तराखंड में वन भूमि, सिंचाई विभाग की भूमि, राजस्व भूमि, नजूल भूमि आदि पर निवास कर रहा है अथवा कारोबार कर रहा है वह 7 से 10 साल तक की सजा का आरोपी हो जाएगा।

मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक उत्तराखण्ड में सत्तासीन पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा नए व पुराने किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को इसके दायरे में लाया गया है तथा बताया जा रहा है कि जो लोग किसी व्यक्ति को अतिक्रमण के लिए उकसाएंगे यानी कि जो भी लोग अतिक्रमण हटाने की मुखालफत करेंगे उनको भी 7 से 10 साल की सजा भुगतनी पड़ेगी।

उत्तराखंड में आजादी के 75 वर्ष बाद भी लाखों लोगों को जमीनों पर मालिकाना हक नहीं मिला है, सरकार के इस अध्यादेश के बाद उत्तराखंड के बहुलांश नागरिक अपराधी की श्रेणी में धकेल दिए जाएंगे।

सरकार का यह अध्यादेश पूर्णतः जनविरोधी है तथा लाखोंलाख लोगों को बेघर करने वाला है। समाजवादी लोक मंच ने मांग की है कि सरकार इस अध्यादेश को लाने के फैसले को तत्काल निरस्त करें तथा उत्तराखंड में जो व्यक्ति जिस भूमि पर बैठकर गुजर-बसर कर रहा है उसे वहीं पर मालिकाना अधिकार प्रदान करें।

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