हजारों की संख्या में राजस्थान से दिल्ली के शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे किसान, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
कड़ाके की ठंढ और बारिश के बीच शाहजहांपुर बॉर्डर पर हजारों किसानों का राजस्थान से पहुंचना साबित करता है कि किसान आंदोलन का ताप कहीं से कम नहीं होने वाला...
कड़ाके की ठंढ और भारी बारिश के बीच किसानों का साहस थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर मोदी सरकार जहां अपने कदम नहीं पीछे नहीं खींच रही तो किसान लगातार संसद की ओर कदम बढ़ाते जा रहे हैं। किसानों का संसद की ओर बढ़ता काफिला बताता है कि आनेवाले दिनों में दिल्ली की राजनीति की गर्मी और बढ़ेगी।
दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हजारों किसानों का इरादा अपनी मांगों को लेकर लगातार लोहा होता जा रहा है। कड़ाके की ठंढ और बारिश के बीच दिल्ली और गुड़गांव की सीमा पर लगने वाले शाहजहांपुर बॉर्डर पर हजारों किसानों का राजस्थान से पहुंचना साबित करता है कि किसान आंदोलन का ताप कहीं से कम नहीं होने वाला, सरकार चाहे किसानोें का झुकाने और तोड़ने के जितने प्रयास कर ले।
किसान आंदोलन में लगातार रह रहे पत्रकार जितेंद्र चाहर ने बताया कि बारिश, कोहरे और भयंकर ठंढ के बीच हरियाणा की सीमा से दिल्ली की ओर आ रहे किसानों पर खट्टर सरकार ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़ी हैं। अभी किसी किसान के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है, लेकिन गुड़गांव और शाहजहांपुर के चार नाकों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बढ़ती ठंढ और सरकार के टालू रवैए को देखते हुए किसान दिल्ली की ओर कूच करने के मूड में हैं। किसानों के आंदोलन को व्यापक तौर पर समाज के उन तबकों का भी समर्थन मिल रहा है, जो सीधे किसान नहीं हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में हो सकता है सरकार और आंदोलनकारियों के बीच टकराहट और बढ़े।
आज राजस्थान से चलकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली से सटे शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंच गए हैं और वह दिल्ली की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। आंदोलनकारियों से मिल रही जानकारी के अुनसार पुलिस ने भारी ठंढ के बीच तीन कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग के साथ दिल्ली में आने की कोशिश में लगे किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और किसानों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई है।