मजहब के नाम पर फिर लुटे हरिद्वार के हजारों मुसलमान, मुस्लिम फंड करोड़ों रुपए लेकर फरार, शरीयत का हवाला देकर चलता था गोरखधंधा

Haridwar news : हरिद्वार में हजारों की तादात में गरीब मुसलमान इस्लामी शरीयत के नाम पर चलने का दावा करने वाली इस संस्था के संचालकों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई के करोड़ों रुपए इन लोगों के हाथों में सौंप बैठे...

Update: 2023-01-23 10:11 GMT

मजहब के नाम पर फिर लुटे हरिद्वार के हजारों मुसलमान, मुस्लिम फंड करोड़ों रुपए लेकर फरार, शरीयत का हवाला देकर चलता था गोरखधंधा

Haridwar news : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में मजहबी आस्था के नाम पर हजारों मुसलमानों के करोड़ों रुपए लेकर मुस्लिम फंड नाम की एक और संस्था रातों रात फरार हो गई। फंड संचालकों ने धार्मिक तौर पर भावनात्मक रूप से जोड़कर हजारों गरीब मुसलमानों से संस्था में करोड़ों रुपए जमा करवा रखे थे। मुस्लिम फंड के फरार होने की जानकारी मिलते ही मुस्लिम समुदाय के सैंकड़ों लोगों ने संस्था के ज्वालापुर कार्यालय पर हंगामा किया। पुलिस के पास अभी तक इस मामले में लोगों की शिकायतें आने का सिलसिला शुरू है। मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद कई लोगों को अपनी हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।

22 हजार लोग बने शिकार

जानकारी के अनुसार क्षेत्र के गांव सराय निवासी अब्दुल रज्जाक ने कबीर म्यूचुअल बैनेफिट निधि लिमिटेड (मुस्लिम फंड) नामक संस्था का संचालन कर मुख्य मार्ग मोहल्ला हज्जाबान में संस्था का कार्यालय भी बनाया हुआ था। संस्था संचालकों का टास्क सीधे गरीब मुस्लिम होने के कारण मुस्लिम समाज के इस मिनी बैंक के करीब 22 हजार लोग खाताधारक बन गए थे।

मजहब की आड़ में होता था भावनात्मक शोषण

इस संस्था के संचालक मुस्लिम फंड को इस्लामी शरीयत के अनुसार चलाने की लच्छेदार बातें करते हुए इलाके के गरीब मुसलमानों को अपनी बचत संस्था में जमा करवाने को प्रेरित करते थे। यह सारा जमा पैसा ब्याजमुक्त होता था, जिसका मतलब था कि पैसे जमा करने वाले को अपने जमा पैसे पर कोई ब्याज नहीं मिलता था। जमा रकम पर ब्याज न देने के तर्क को ठोस रूप देते हुए ठगी के धंधे को सुचारू रूप से चलाए रखने और लोगों का भरोसा जीतने के लिए संस्था संचालक जरूरत पड़ने पर गरीबों को ब्याजमुक्त ऋण भी देते थे, लेकिन लोगों को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराए जाने और इसकी आड़ में रकम जमा करवाए जाने के अनुपात में भारी अंतर होने के कारण संस्था संचालक हमेशा लाभ में रहते थे।

संस्था संचालक इस फंड को मुस्लिमों में इस प्रकार प्रस्तुत करते थे कि आम मुसलमान को अपनी छोटी बचत इनके यहां रखना ऐसा मजहबी काम लगता था, जिसकी एवज में खुदा की ओर से उन्हें पुण्य भी प्राप्त होगा। मुस्लिम फंड का यह सिलसिला मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में करीब आधी शताब्दी से भी अधिक समय से अलग अलग कई शहरों में कई बार दोहराया जा चुका है, जहां कुछ समय बाद इसके संचालक पैसा हड़पकर भाग जाते रहे हैं, लेकिन मजहबी आस्था से जुड़ा होने के कारण यह नटवरलाल जल्द ही फिर दूसरे शहर में जाकर इस गोरखधंधे को अंजाम देते आए हैं। हरिद्वार के ज्वालापुर में भी यही हुआ। यहां भी हजारों की तादात में गरीब मुसलमान इस्लामी शरीयत के नाम पर चलने का दावा करने वाली इस संस्था के संचालकों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई के करोड़ों रुपए इन लोगों के हाथों में सौंप बैठे।

रकम डूबने के अंदेशे से सदमे में लोग

यहां के लोगों को संस्था के भागने का पता तब चला जब कार्यालय पहुंचे कई खाताधारकों को संस्था संचालक नहीं मिला। इस बात पर उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। संस्था संचालक करोड़ों की रकम लेकर फरार हो गया, यह बात क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई। जिसके बाद देखते ही देखते बड़ी संख्या में खाताधारकों का हुजूम इनके कार्यालय की तरफ उमड़ पड़ा।

आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जब हजारों खाताधारक पुरुष-महिलाओं ने कार्यालय पर पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया तो बड़े बवाल की आशंका पर पुलिस ने इन लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। हंगामे की जानकारी मिलने पर खुद सीओ सिटी मनोज ठाकुर पहुंचकर आश्वस्त किया कि आरोपी को जल्द से जल्द ढूंढ निकाला जाएगा। इसके बाद पुलिस ने एक शिकायतकर्ता वसीम राव निवासी ग्राम इब्राहिमपुर पथरी की शिकायत पर संचालक अब्दुल रज्जाक के खिलाफ धोखाधड़ी समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

लोगों की मेहनत का पैसा लगा दिया प्रॉपर्टी के धंधे में

मुस्लिम फंड नाम की इस संस्था का संचालक अब्दुल रज्जाक प्रॉपर्टी के धंधे से भी जुड़ा हुआ है। वह पूर्व में कई कालोनियां विकसित करने में शामिल रहा है। हाल फिलहाल में भी उसने कई करोड़ की जमीन खरीदी है। लोगों को इस बात की पूरी आशंका है कि करोड़ों रुपए की इस जमीन की खरीद उनके ही जमा पैसे से की गई है।

मुख्य आरोपी की धरपकड़ में जुटी पुलिस

कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि आरोपी संस्था संचालक की धरपकड़ के लिए एक पुलिस टीम गठित की गई है। आमजन से रकम के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने जिलाधिकारी से भी पत्राचार किया है, जबकि एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि संस्था ने कहां-कहां फंडिंग की है, इस पर भी फोकस किया गया है। पूरी गहनता से कई एंगल पर जांच की जा रही है। आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। इस मामले में अन्य एजेंसियों से भी धरपकड़ के लिए सहयोग मांगा गया है।

सिसक सिसककर रोते हुए पीड़ित सुना रहे व्यथा

एक तरफ जहां पुलिस आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर मिनी बैंक संचालक के खाताधारकों के पैसे लेकर भागने के बाद लोगों का अपनी शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचने का सिलसिला जारी है। इन लोगों में अधिकांश वह गरीब लोग हैं जो अपने बच्चों की शादी विवाह के लिए एक एक पैसे जोड़कर खातों में जमा कर रहे थे। अधिकांश मजदूर तबके के परिवारों से जुड़े इन लोगों में कोई मकान बनाने तो कोई अपने बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए पैसे जोड़ रहा था। आरोपी संचालक अब्दुल रज्जाक के भाग जाने के बाद इन लोगों की जिंदगीभर की मेहनत की कमाई पलभर में चली गई।

पुलिस अधिकारियों को कोतवाली में कई महिलाएं और युवक अपनी व्यथा सुनाते हुए अपनी डूबी हुई रकम को लेकर रोते नजर आए। सबका यही कहना है कि हमारी मेहनत की कमाई को वापस दिलवा दीजिए। पैसे न मिले तो हम बरबाद हो जाएंगे।

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