नीट की परीक्षा से पहले तीन छात्रों ने दी जान, एक छात्रा कोविड के कारण कोचिंग नहीं कर पाने से थी परेशान
कोविड संकट के बीच आज देश भर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन, इस परीक्षा से पहले निराशा में तमिलनाडु के तीन छात्रों ने अपनी जान दे दी...
जनज्वार। रविवार (13 सितंबर) को देश भर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET EXAM 2020) का आयोजन किया जा रहा है। कोविड संकट के बीच जेईई-मेन के बाद यह दूसरी अहम परीक्षा है जिसका आयोजन सरकार के द्वारा किया जा रहा है। कई राज्य सरकारों, दलों व नेताओं ने कोविड संकट के बीच परीक्षा आयोजन को टालने की अपील की थी और छात्र की सुरक्षा को अहम बताया था। इस बीच खबर है कि तमिलनाडु में इस परीक्षा में शामिल होने से पहले तीन छात्रों ने खुदकुशी कर ली।
खुदकुशी करने वालों में एक लड़की और दो लड़के हैं। तमिलनाडु के राजनैतिक दलों ने इसे मुद्दा बनाया है और सरकार के परीक्षा के फैसले की आलोचना की है।
तमिलनाडु के मदुरई में एक 19 वर्षीया लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके अलावा धर्मपुरी जिले में एक लड़के और नमक्कल में एक लड़के ने जान दे दी। इन दोनों की उम्र 19 से 21 साल के बीच थी।
मुदरई की घटना की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि एम जोथिश्री दुर्गा की नीट की परीक्षा का यह दूसरा चांस था, वह इसके लिए कोचिंग करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन ऐसा कर नहीं सकी। दुर्गा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपनी परीक्षा को लेकर चिंतित थी और अगर उसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता नहीं मिलेगी तो वह अपने माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को निराश करेगी।
इसी तरह धर्मपुरी जिले का एम आदित्य भी परीक्षा को लेकर चिंतित था। वह एक बार पहले परीक्षा में शामिल हो चुका था। वहीं, नमक्कल जिले के तिरुचेंगोडा का 21 वर्षीय मोतीलाल भी नीट की परीक्षा को लेकर चिंतित था। वह दो बार पहले परीक्षा में शामिल हो चुका था।
इस तीन मामलों से पहले इस सप्ताह के आरंभ में अरियालुर के एक 19 वर्षीय लड़ने के अपनी जान दे दी थी। इस साल उसका परीक्षा का तीसरा प्रयास था, लेकिन इससे पहले उसने निराशा में गलत कदम उठा लिया।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर ने पिछले महीने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर नीट की परीक्षा रद्द करने की मांग की थी और इसके लिए कोविड19 संकट को कारण बताया था। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की थी कि 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर मेडिकल काॅलेज में छात्रों को इस साल प्रवेश दिया जाए।
तमिलनाडु में राजनैतिक विभाजन के बावजूद सभी दलों ने छात्रा दुर्गा द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद नीट की परीक्षा के आयोजन को लेकर अपनी नाराजगी जतायी है। मुख्यमंत्री इ पलानीसामी ने कहा है कि ऐसा कदम उठाने से पहले छात्रों को भविष्य के प्रति आशावान होना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने कहा है कि छात्रों को हिम्मत के साथ किसी भी स्थिति का सामना करना सीखना चाहिए और माता-पीटा को इसमें उनकी सहायता करनी चाहिए। विपक्ष के नेता एमके स्टालीन ने कहा है कि खुद की जान लेना कोई समाधान नहीं है।
मालूम हो कि बुधवार को नीट की स्थगन की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में कहा था कि नीट की परीक्षा के आयोजन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।